नई दिल्ली। साउथ अफ्रीका के हेड कोच शुक्री कॉनराड ने हाल ही में भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीतने के बाद अपनी टीम के प्रदर्शन पर ग्रोवेल शब्द का इस्तेमाल करने के लिए गहरा खेद व्यक्त किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि इस शब्द के ऐतिहासिक और नस्लीय अर्थों के कारण, उनकी टीम की बड़ी जीत का जश्न फीका पड़ गया। यह बयान भारत द्वारा वनडे सीरीज 2-1 से जीतने के बाद आया।
कॉनराड ने कही ये बात
कॉनराड ने स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाना या अपमानित करना नहीं था, बल्कि वह केवल यह कहना चाहते थे कि भारत को टेस्ट जीतने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें इस बात का अंदाजा होता कि उनके शब्दों को कैसे समझा जा सकता है, तो वे अलग शब्दों का चुनाव करते। उन्होंने माना कि उनके शब्दों ने विवाद पैदा किया और खिलाड़ियों की उपलब्धि से ध्यान हटाकर उन्हें उस कहानी के केंद्र में ला दिया जहां वे नहीं रहना चाहते थे।
कोच ने कहा कि ‘विनम्रता हमारी टेस्ट टीम और हमारी सभी टीमों के लिए एक आधारशिला है। लोगों को कोच के बारे में पता ही नहीं होना चाहिए, यह हमेशा खिलाड़ियों के बारे में होना चाहिए। दुर्भाग्य से शोर मेरे बारे में हो गया।’ उन्होंने स्वीकार किया कि वह भविष्य में अपनी बातों को लेकर बहुत सावधान रहेंगे, क्योंकि सार्वजनिक डोमेन में संदर्भ कितनी जल्दी बदल सकता है, यह उन्हें अब पता चल गया है।
वनडे सीरीज पर निराशा
कॉनराड ने वनडे सीरीज में 2-1 से मिली हार पर निराशा व्यक्त की और माना कि साउथ अफ्रीका ने एक दुर्लभ अवसर गंवा दिया। उन्होंने कहा कि यह ऐसा मौका था, जहां वे एक ही दौरे पर भारत को टेस्ट और वनडे दोनों फॉर्मेट में हरा सकते थे, जो कि 1990 के दशक के बाद पहली बार होता। उन्होंने भारतीय टीम के अनुभवी बल्लेबाजों, खासकर विराट कोहली और रोहित शर्मा की जमकर तारीफ की। कॉनराड ने कहा, ‘हमारे युवा खिलाड़ियों को सीधे तौर पर यह देखने को मिला कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कैसे दिखते हैं। विराट और रोहित ने आवश्यक मानकों को दिखाया, और यह एक ऐसा अनुभव है जिसे हमें आगे ले जाना है।’







