भोपाल : मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि पूरे देश में सबसे ज्यादा शराब पीने वाली महिलाएं मध्यप्रदेश की हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जिस “समृद्ध मध्यप्रदेश” का सपना दिखाया था, वह अब नशे में डूबे प्रदेश में बदल चुका है. भोपाल में पटवारी ने कहा कि प्रदेश में शराब और नशे का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है और सरकार इसे रोकने के लिए गंभीर नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि हमें तमगा मिला है, मध्यप्रदेश को महिलाएं सबसे ज्यादा शराब पूरे देश में पीती हैं तो मध्य प्रदेश की पीती हैं ये एमपी का समृद्ध प्रदेश का सपना देखने वाली बीजेपी ने हालात कर दिए.
पटवारी ने कहा, सबसे ज्यादा खपत शराब की कहीं है तो एमपी में है. ये दोनों बात मैंने इसलिए कही है कि क्योंकि कोई दूसरा प्रदेश नहीं बचा, पंजाब भी नहीं बचा. जितना ड्रग्स का कारोबार मध्य प्रदेश की धरती से होता है, दूसरे किसी राज्य से नहीं होता है. लेकिन हमारे मुख्यमंत्री ने कभी प्रयास नहीं किया कि इस नशे से निजात दिलाने के लिये क्या करें, हमारी बहनें नशा करने लगीं, बेटियां नशा करने लगीं, लाडली बहनों के नाम पर वोट ले लिये और बहनें सबसे ज्यादा नशा करती हैं.
कांग्रेस नेता के इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता नेहा बग्गा ने पलटवार करते हुए कहा कि जब किसी नेता की सोच खोखली होती है तो वह महिलाओं को बदनाम करने के लिए झूठे आंकड़ों का सहारा लेता है. जीतू पटवारी का यह बयान सिर्फ आंकड़ों की हत्या नहीं, बल्कि महिलाओं के सम्मान की हत्या है. महिलाएं नशे में नहीं हैं, बल्कि आपकी मानसिकता नशे में है. हालांकि, सरकारी आंकड़े पटवारी के दावे का समर्थन नहीं करते.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5) के मुताबिक, देश में महिलाओं के बीच शराब की सबसे ज्यादा खपत अरुणाचल प्रदेश में है, जहां करीब 26 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं. सिक्किम में यह आंकड़ा 16.2 प्रतिशत है, जबकि असम, तेलंगाना और झारखंड भी शीर्ष राज्यों में शामिल हैं. वहीं, मध्यप्रदेश में केवल 1.6 प्रतिशत महिलाएं शराब पीती हैं, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है. पटवारी के बयान ने एक बार फिर राज्य की राजनीति में बहस छेड़ दी है. कांग्रेस जहां सरकार पर नशे के खिलाफ कदम न उठाने का आरोप लगा रही है, वहीं बीजेपी का कहना है कि विपक्ष मुद्दों की बजाय महिलाओं को बदनाम करने वाली राजनीति कर रहा है.