नई दिल्ली ,17 जून। आयकर विभाग ने किसी कारोबार या पेशे में मिलने वाले लाभ के संदर्भ में स्रोत पर टैक्स छूट के नए प्रावधान के उपयोग को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयकर विभाग ने कहा कि इस तरह के लाभ या तो नकद या वस्तु अथवा आंशिक रूप से इन दोनों रूपों में हो सकते हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने यह भी कहा कि भुगतानकर्ता या कटौतीकर्ता को प्राप्तकर्ता के हाथ में राशि को लेकर कराधान जांच करने की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही अतिरिक्त लाभ के रूप में दी गई संपत्ति की प्रकृति प्रासंगिक नहीं है। यहां तक कि लाभ के रूप में दी गई पूंजीगत संपत्तियां भी धारा 194 क्र के दायरे में आती हैं।
इसके अलावा, धारा 194 क्र उन विक्रेताओं पर भी लागू होगी जो छूट या छूट के अलावा प्रोत्साहन देते हैं। यह छूट नकद, कार, टीवी, कंप्यूटर, गोल्ड, मोबाइल फोन या मुफ्त टिकट आदि जैसी वस्तुओं के रूप में हो सकती है। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में कर राजस्व नुकसान को रोकने के लिए ऐसी आय पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के प्रावधान का प्रस्ताव किया गया था। नए प्रावधान 1 जुलाई, 2022 से लागू हो जाएंगे।
इसके अलावा, सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि अधिनियम 194 क्र अस्पताल में फ्री सैंपल लेने वाले डॉक्टरों के लिए अस्पताल में भी लागू होगी। एक एम्पलॉयर के रूप में अस्पताल ऐसे सैंपल को कर्मचारियों के लिए टैक्स योग्य अनुलाभ के रूप में मान सकता है और धारा 192 के तहत टैक्स काट सकता है।
वहीं दूसरी ओर, अगर कोई डॉक्टर किसी अस्पताल में सलाहकार के रूप में काम करता है और फ्री सैंपल्स प्राप्त करता है तो टैक्स की चुकौती पहले अस्पताल पर लागू होगी, जिसके लिए
कंसल्टैंट डॉक्टरों के संबंध में धारा 194क्र के तहत टैक्स कटौती की आवश्यकता होगी।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नए प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञों की राय है कि टैक्सपेयर्स को इस तरह के लाभ और अनुलाभ पर टैक्स की पहचान करने और उसे वापस लेने के लिए अलग-अलग नियमित लेनदेन के लिए अपने सिस्टम और ट्रैकिंग सिस्टम को तैयार करने की आवश्यकता होगी।