प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
लॉस एंजेलिस: लॉस एंजेलिस में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों और आगजनी की घटनाओं का कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आप्रवासन नीतियों (immigration policies) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हैं। इन प्रदर्शनों की शुरुआत 6 जून 2025 को तब हुई, जब अमेरिकी आप्रवासन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) ने लॉस एंजेलिस और आसपास के क्षेत्रों, जैसे परमाउंट और कॉम्पटन, में बड़े पैमाने पर छापेमारी की, जिसमें 118 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया। इन छापों का उद्देश्य गैर-कानूनी प्रवासियों को हिरासत में लेना था, लेकिन इसमें कुछ वैध निवासियों को भी निशाना बनाया गया, जिससे स्थानीय समुदायों, खासकर हिस्पैनिक और मैक्सिकन मूल के लोगों में आक्रोश फैल गया।
प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगा दी !
7 और 8 जून को ये विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। प्रदर्शनकारियों ने गाड़ियों में आग लगा दी, पुलिस और संघीय एजेंटों पर पत्थर, बोतलें और आतिशबाजी फेंकी। मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर और अन्य संघीय इमारतों के आसपास तनाव बढ़ गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस, रबर बुलेट और पेपर बॉल का इस्तेमाल किया। इसके जवाब में, ट्रंप ने 7 जून की रात को एक असामान्य कदम उठाते हुए कैलिफोर्निया नेशनल गार्ड की 2,000 सैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया, बिना कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसॉम की सहमति के, जो एक दुर्लभ और विवादास्पद कदम है।
“We prefer illegal Mexicans to legal Indians.” pic.twitter.com/b4JcvCcj4Z
— Prakash Mehra (@mehraprakash23) June 9, 2025
सहमति के बिना नेशनल गार्ड को तैनात
प्रदर्शनकारियों ने परमाउंट और कॉम्पटन में गाड़ियों में आग लगाई और 101 फ्रीवे को अवरुद्ध कर दिया। लॉस एंजेलिस पुलिस ने इसे “गैरकानूनी सभा” घोषित कर 60 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया। ट्रंप ने 10 यूएस कोड के सेक्शन 12406 का हवाला देते हुए नेशनल गार्ड को तैनात किया, जिसमें कहा गया कि हिंसक प्रदर्शन “संघीय सरकार के खिलाफ विद्रोह” की तरह हैं। यह 1965 के बाद पहली बार है जब किसी राष्ट्रपति ने राज्यपाल की सहमति के बिना नेशनल गार्ड को तैनात किया।
गवर्नर न्यूसॉम ने इस कदम को “गैरकानूनी” और “उकसाने वाला” बताया, और ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा दायर करने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि “स्थानीय पुलिस स्थिति को संभालने में सक्षम थी और नेशनल गार्ड की कोई जरूरत नहीं थी।”
Let’s get this straight:
1) Local law enforcement didn’t need help.
2) Trump sent troops anyway — to manufacture chaos and violence.
3) Trump succeeded.
4) Now things are destabilized and we need to send in more law enforcement just to clean up Trump’s mess. https://t.co/g6bwwZ29fc
— Gavin Newsom (@GavinNewsom) June 9, 2025
रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने कहा कि “अगर हिंसा जारी रही तो कैम्प पेंडलटन से सक्रिय ड्यूटी मरीन्स को भी तैनात किया जा सकता है, जिसे न्यूसॉम ने “पागलपन” करार दिया।
The violent mob assaults on ICE and Federal Law Enforcement are designed to prevent the removal of Criminal Illegal Aliens from our soil; a dangerous invasion facilitated by criminal cartels (aka Foreign Terrorist Organizations) and a huge NATIONAL SECURITY RISK.
Under President…
— Pete Hegseth (@PeteHegseth) June 8, 2025
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
डेमोक्रेट्स, जैसे न्यूसॉम और मेयर करेन बास, ने इसे ट्रंप का “अराजकता पैदा करने” का प्रयास बताया, जबकि रिपब्लिकन नेताओं ने न्यूसॉम और बास पर हिंसा को नियंत्रित न करने का आरोप लगाया।
“कानून और व्यवस्था” ट्रंप का संदेश !
ट्रंप के इस कदम और उनके बयानों से कई संदेश उभरकर सामने आते हैं ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में आप्रवासन के खिलाफ सख्त नीतियों को लागू करने का वादा किया था। नेशनल गार्ड की तैनाती उनके “कानून और व्यवस्था” (law and order) के एजेंडे को दर्शाती है, जिसमें गैर-कानूनी प्रवासियों को हटाने और विरोध को दबाने पर जोर है। गवर्नर न्यूसॉम की सहमति के बिना नेशनल गार्ड को तैनात करके ट्रंप ने केंद्र सरकार की सर्वोच्चता और अपनी नीतियों को लागू करने की इच्छाशक्ति दिखाई। यह डेमोक्रेट-प्रभुत्व वाले कैलिफोर्निया के खिलाफ एक राजनीतिक संदेश भी है।
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर कहा, “लॉस एंजेलिस में हिंसक लोग हैं, और वे इससे बच नहीं पाएंगे।” उन्होंने LAPD प्रमुख जिम मैकडॉनेल को तुरंत नेशनल गार्ड बुलाने के लिए कहा, यह दर्शाते हुए कि वह हिंसा को बर्दाश्त नहीं करेंगे। हालांकि ट्रंप का यह कदम उनके समर्थकों को यह संदेश देता है कि वह “अमेरिका को वापस लेने” और “रैडिकल लेफ्ट” के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं। वहीं, डेमोक्रेट्स इसे “तानाशाही” और “अधिकारों का दुरुपयोग” बता रहे हैं।
छापों और नेशनल गार्ड की तैनाती
ट्रंप का नेशनल गार्ड को तैनात करने का फैसला कानूनी रूप से विवादास्पद है। विशेषज्ञों का कहना है कि “यह कदम पॉसी कॉमिटाटस एक्ट (Posse Comitatus Act) का उल्लंघन कर सकता है, जो सक्रिय सैनिकों को नागरिक कानून प्रवर्तन में शामिल होने से रोकता है। न्यूसॉम और अन्य डेमोक्रेट्स इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। लॉस एंजेलिस, जहां बड़ी हिस्पैनिक और विदेशी मूल की आबादी है, पहले से ही आप्रवासियों के बीच डर का माहौल है। इन छापों और नेशनल गार्ड की तैनाती ने समुदायों में भय और अविश्वास को बढ़ाया है।
वहीं मैक्सिकन राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने छापों और नेशनल गार्ड की तैनाती की आलोचना की, इसे आप्रवासन समस्या का गलत समाधान बताया।
ट्रंप की आप्रवासन नीति और ICE की छापेमारी
लॉस एंजेलिस में हिंसा और आगजनी के पीछे ट्रंप की सख्त आप्रवासन नीतियां और ICE की छापेमारी हैं, जिन्होंने स्थानीय समुदायों में गुस्सा भड़काया। नेशनल गार्ड की तैनाती ट्रंप का एक मजबूत संदेश है कि वह अपनी नीतियों को लागू करने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे, भले ही इसके लिए राज्य की सहमति को नजरअंदाज करना पड़े। यह कदम कानूनी और राजनीतिक विवादों को जन्म दे रहा है, और आने वाले दिनों में स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है।