नई दिल्ली। किसानों के दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में डटे रहने के कारण दिल्ली पुलिस ने राजधानी के अंदर भी कड़ी सुरक्षा की तैयारी की है। शहर की सड़कों पर करीब 50 पॉइंट पर सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। इन सभी पॉइंट पर पुलिस ने बैरिकेड, कंटेनर और क्रेन की व्यवस्था कर रखी है। साथ ही सुरक्षाकर्मियों की भी तैनाती की गई है। पुलिस ने सीमावर्ती इलाकों में मल्टी लेयर सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
वहीं, प्लान बी के तहत अगर किसान किसी भी तरह सीमा में प्रवेश कर जाते हैं तो उन्हें रोकने की भी पूरी तैयारी है। सीमाओं के निकट पिकेट्स पर ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है और शहर में भी हर कुछ दूरी पर पिकेट से लेकर सुरक्षाकर्मियों को पूरी तरह से सतर्क रहने के आदेश दिए हैं। सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के लिए जगह-जगही तंबू लगाए गए हैं। ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर भी सुरक्षाकर्मियों को सतर्क रहने और हर संदिग्ध पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा को और चौकस बनाने के लिए पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है।
बता दें कि, किसान एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ”न्याय”, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।
किसान नेताओं और केन्द्रीय मंत्रियों के बीच रविवार को चौथे दौर की वार्ता होनी है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसान संघों की विभिन्न मांगों पर जारी बातचीत में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच इससे पहले 8, 12 और 15 फरवरी को हुई बातचीत बेनतीजा रही थी।