देश में अक्सर उठने वाले कथित मैरिटल रेप के मामलों पर एक बार फिर सरकार ने अपनी राय स्पष्ट की है. इस मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को अहम बयान दिया.
‘सभी पुरुषों को बलात्कारी कहना सही नहीं’
संसद में पेश बजट पर हुई चर्चा के दौरान स्मृति ईरानी ने कहा कि वैवाहिक जीवन में यौन हिंसा का समर्थन नहीं किया जा सकता लेकिन इसकी आड़ में सभी पुरुषों को बलात्कारी कहना भी ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि देश की हर शादी की निंदा करना ठीक नहीं है.
‘जरूरतमंद महिलाओं को दी जा रही मदद’
दरअसल सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम ने बजट सत्र के दौरान ‘वैवाहिक जीवन में यौन हिंसा’ पर एक सवाल पूछा था. इस सवाल का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने कहा कि मौजूदा समय में महिलाओं से जुड़े मामलों में मदद करने के लिए पूरे भारत में 30 से अधिक हेल्पलाइन कार्यरत हैं. इन हेल्पलाइनों के जरिए 66 लाख से अधिक महिलाओं की सहायता की गई.
उन्होंने कहा कि देश में 703 ‘वन स्टॉप सेंटर’ भी महिलाओं को मदद देने का काम कर रहे हैं. इनके जरिए भी 5 लाख महिलाओं को मदद दी गई है. उन्होंने सीपीआई सांसद को बताया कि मैरिटल रेप (Marital Rape) का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. इसलिए इस मुद्दे पर सरकार ज्यादा चर्चा नहीं कर सकती.
‘टूट जाएगी वैवाहिक संस्था’
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने भी चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि अगर सरकार वैवाहिक बलात्कार को अपराध की श्रेणी में रखने का फैसला करती है तो इससे विवाह की संस्था समाप्त हो जाएगी. उन्होंने कहा कि यह साबित करना मुश्किल होगा कि पत्नी कब राजी हुई या नहीं.
CPI सांसद ने दी सफाई
अपने सवाल पर विवाद बढ़ता देख सीपीआई सांसद बिनॉय विश्वम (CPI MP Binoy Vishwam) ने कहा कि उनका यह मतलब नहीं था कि हर आदमी एक बलात्कारी है. उन्होंने कहा कि क्या सरकार इस मुद्दे पर राज्यों से डेटा एकत्र कर जल्द से जल्द संसद में जमा कर सकती है. इस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि केंद्र सरकार इस सदन में राज्य सरकारों से इस प्रकार कोई सिफारिश नहीं कर सकता