नई दिल्ली l देश के कई राज्यों से कोयले की कमी की खबरें सामने आ रही हैं. बताया जा रहा है कि यूपी, महाराष्ट्र, पंजाब समेत 10 राज्यों में कोयले की किल्लत के चलते आने वाले समय में बिजली संकट पैदा हो सकता है. अब केंद्र सरकार ने भी कोयले की कमी की बात को स्वीकार किया है. हालांकि, सरकार का कहना है कि यूपी, पंजाब में कोयले की कमी नहीं हुई है, बल्कि आंध्र, राजस्थान, तमिलनाडु जैसे राज्यों में जरूर कोयले की कमी देखने को मिल रही है.
कोयले की कमी पर क्या कहा सरकार ने?
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से जब कोयले की कमी को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, पंजाब और यूपी में कोयले की कमी नहीं हुई है. बल्कि आंध्र, राजस्थान, तमिलनाडु में कोल की कमी हुई है. उन्होंने कहा, इन राज्यों में कोयले की कमी के पीछे अलग अलग वजह हैं. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु आयात किये कोयले पर निर्भर है. लेकिन पिछले दिनों में आयात वाले कोयले के दाम काफी तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में हमने तमिलनाडु से कहा है कि आप आयात वाले कोयले पर निर्भर हैं, तो कोयला आयात करिए.
उधर, आंध्र प्रदेश में भी कोयले का संकट है. यहां रेलवे से कोयला पहुंचाने में देरी हो रही है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश के कोल प्लांट में विस्फोटक की कमी हो गई है. उन्होंने कहा, यूक्रेन-रूस युद्ध के चलते विस्फोटक की कमी हो गई थी.
9 दिन का रिजर्व बचा है- आर के सिंह
ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा, देश में कोयले की डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है. उन्होंने कहा, कुल डिमांड करीब 9% बढ़ी है. इस बार डिमांड जितनी तेजी से बढ़ी, उतना पहले कभी नहीं बढ़ी. देश में कोयले का रिजर्व कम हुआ है. आज से देश का कोयला रिजर्व 9 दिन का बचा है, पहले यह 14-15 दिन का रहता था. ये बात सच है कि डिमांड बढ़ी है. लेकिन सप्लाई इतनी तेजी से नहीं बढ़ सकती है.
किन राज्यों में कोयले की कमी की खबर
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि देश के करीब 10 राज्य कोयला संकट का सामना कर रहे हैं. रिपोर्ट्स में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना को कोयले की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं यह भी बताया जा रहा है कि झारखंड, बिहार, हरियाणा और उत्तराखंड में मांग के मुकाबले कम बिजली उपलब्ध हो पा रही है. यूपी में भी 21 से 22 हजार मेगावाट बिजली की मांग है. जबकि 19 से 20 हजार मेगावाट बिजली ही मिल पा रही है.