चेन्नई। एक अप्रैल से प्रस्तावित थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम में वृद्धि कुछ दिनों के टल गई है। दरअसल, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 21 मार्च को एक मसौदा अधिसूचना प्रकाशित की थी, जिसमें थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम में संशोधन का संकेत दिया गया था। भारत के राजपत्र में प्रकाशित इस अधिसूचना की प्रतियां उपलब्ध होने की तारीख से 30 दिनों की अवधि की समाप्ति के बाद नई दरों और नए नियमों पर विचार किया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि एक अप्रैल से प्रीमियम की दरों में वृद्धि नहीं होगी।
वाहन बीमा पालिसी के दो हिस्से होते हैं। वाहन के क्षतिग्रस्त होने और उसके चोरी होने की घटना को कवर करने के लिए एक तरह का बीमा कराया जाता है, जबकि दूसरे तरह के बीमा में उस क्लेम को कवर किया जाता है, जो वाहन मालिक को ना मिलकर तीसरे पक्ष को दिया जाता है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य होता है। ऐसे समय जब गैर जीवन बीमा कारोबार तेजी से बढ़ रहा है तो सरकार ने 2022-23 के लिए प्रीमियम में वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।
सरकार की तरफ से जो नई दरें प्रस्तावित की गई हैं, उसमें दोपहिया और निजी कार मालिकों को कुछ कम प्रीमियम चुकाना पड़ेगा। जबकि टैक्सी, ट्रक और बस का थर्ड पार्टी प्रीमियम बढ़ाया गया है। सरकार ने इलेक्टि्रक वाहनों के लिए बीमा प्रीमियम में 15 प्रतिशत और हाइब्रिड इलेक्टि्रक वाहनों के लिए 7.5 प्रतिशत का प्रस्ताव दिया गया है। आटो इंडस्ट्रीज के विशेषज्ञ इलेक्टि्रक वाहनों के प्रीमियम पर दी गई छूट से चकित है।
उन्होंने मांग की है कि अगर इलेक्टि्रक वाहनों के प्रीमियम में छूट दी जा रही है तो अन्य वाहनों के प्रीमियम में भी रियायत दी जाए। सरकार द्वारा प्रस्तावित दरों के अनुसार 75 सीसी से 150 सीसी वाले दोपहिया वाहन मालिकों को लगभग 752 रुपये का भुगतान करना होगा। हालांकि अन्य दोपहिया वाहनों के प्रीमियम में वृद्धि की गई है।