नई दिल्ली : वर्ल्ड कप 2023 के लिए टीम इंडिया के स्क्ववॉड का ऐलान हो चुका है. इस बार टीम इंडिया के पक्ष में जो बात सबसे मजबूती से दिख रही है, वो है 4 ऑलराउंडर्स का टीम में होना. सब कुछ ठीक रहा तो ‘सर’ रवींद्र जडेजा और हार्दिक पंड्या वर्ल्ड कप 2023 में सारे मैच खेलते नजर आएंगे. वहीं, जडेजा और पंड्या के अलावा टीम में अक्षर पटेल भी बतौर ऑलराउंडर शामिल हैं. इसके अलावा ‘लॉर्ड’ शार्दुल ठाकुर भी इसलिए टीम में जगह बना पाए हैं क्योंकि वो निचले क्रम में आकर किसी भी बॉलिंग अटैक को तहस-नहस कर सकते हैं. यानी शार्दुल की भी ऑलरांउडर के तौर पर गिना जा सकता है.
यह बात ध्यान रहे कि भारतीय टीम ने जब 1983 और 2011 में वर्ल्ड कप जीता था, तब भी टीम की जीत में ऑलराउंडर्स की बड़ी भूमिका थी. 1983 में कपिल देव और मोहिंदर अमरनाथ ने भारत के लिए कई मैचों में जबरदस्त प्रदर्शन किया था. वहीं, 2011 में युवराज सिंह ने क्या कारनामा किया था, यह तमाम क्रिकेट फैन्स को आज भी याद होगा.
इस बार अगर वर्ल्ड कप जीतना है तो हार्दिक पंड्या और रवींद्र जडेजा का चलना बेहद जरूरी है. तमाम क्रिकेट विश्लेषक और पूर्व खिलाड़ी यह कह चुके हैं कि ये दोनों खिलाड़ी अगर बतौर ऑलराउंडर पूरी ताकत से चल गए तो भारत को वर्ल्ड कप जीतने से कोई नहीं रोक पाएगा.
आइए अब आपको टीम इंडिया के चारों ऑलरांउडर हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल और शार्दुल ठाकुर की ताकत और कमजोरी के बारे में बताने जा रहे हैं.
1: रवींद्र जडेजा में सब कुछ है, बस चल जाएं…
रवींद्र जडेजा पिछले कुछ सालों में तीनों फॉर्मेट के धाकड़ खिलाड़ी बनकर उभरे हैं. वो गेंदबाजी और बल्लेबाजी से तो मैच बदलने का माद्दा रखते ही हैं, फील्डिंग से भी कई बार मैच बदल देते हैं. अगर उनके पास फील्डिंग के दौरान गेंद जाए तो विपक्षी खिलाड़ी भी उनसे घबराते हैं, क्योंकि जड्डू में यह ताकत है कि वह अकेले ही विकेट की गिल्लियां उड़ा दें और रन आउट कर दें.
कप्तान रोहित शर्मा और रवींद्र जडेजा
रवींद्र जडेजा जब गेंदबाजी करते हैं तो ‘गुच्छों’ में विकेट लेते हैं. जडेजा अब तक 179 वनडे मैच खेल चुके हैं. इसमें उन्होंने 32.58 के एवरेज से 2574 रन बनाए हैं. वहीं, वो इन 179 मैचों में 197 विकेट झटक चुके हैं. जडेजा 2015 और 2019 के वर्ल्ड कप में खेले हैं. इन दोनों वर्ल्ड कप में वो 10 मैच खेले हैं, जहां उनके बल्ले से 134 रन और 11 विकेट निकले हैं.
रवींद्र जडेजा की कमजोरी: जडेजा की कमजोरी की बात की जाए तो वो अक्सर निचले क्रम मे बल्लेबाजी करते हुए पैनिक कर जाते हैं. बल्लेबाजी करते हुए बाहर जाती गेंद पर बल्ला अड़ाना उनकी पुरानी आदत है. जबकि गेंदबाजी में अक्सर नॉन स्पिन फ्रेंडली पिच पर संघर्ष करते दिखते हैं.
2: वर्ल्ड कप में हार्दिक पंड्या की बल्ले और गेंद में धार?
हार्दिक पंड्या को 2023 के वर्ल्ड कप में बड़ी जिम्मेदारी मिली है. वह टीम के उपकप्तान भी हैं. विंडीज के खिलाफ हुई हालिया टी20 और वनडे सीरीज में उन्होंने टीम इंडिया के लिए गेंदबाजी की शुरुआत की और विकेट भी झटके. गेंदबाजी की शुरुआत कर हार्दिक यही बात साबित करना चाहते थे कि वो अपनी गेंदबाजी से भी मैच पलटने का माद्दा रखते हैं. गेंदबाजी करने का फायदा उनको मिला और उन्होंने विकेट भी झटके. वहीं बल्ले से भी उन्होंने इस साल कई शानदार पारियां खेली हैं.
पंड्या का छठे नंबर पर खेलना तय माना जा रहा है, वह निचले क्रम में आकर मैच पलटने का माद्दा रखते हैं. गेंदबाजी में स्लोअर और बाउंसर को वो अक्सर इस्तेमाल करते हैं. इससे वो कई बार विकेट भी झटक चुके हैं. हालांकि कई बार उनका बाउंसर और स्लोअर का दांव उल्टा पड़ जाता है.
पंड्या के आंकड़े देखे जाएं तो उन्होंने 79 वनडे खेले हैं, जहां उनके बल्ले से 34.37 के एवरेज और 111.16 के स्ट्राइक रेट से 1753 रन आए हैं. इसके इतर वो 79 विकेट भी झटक चुके हैं. 2019 में वो इंग्लैंड में पहली बार वर्ल्ड कप खेलने के लिए उतरे थे, जहां उन्होंने 9 मैचों में 32.28 के एवरेज से 226 रन बनाए और 10 विकेट भी चटकाए थे.
हार्दिक पंड्या का गेंदबाजी में भी जलवा.
हार्दिक पंड्या की कमजोरी: हार्दिक के साथ फिलहाल तो सारी चीजें ठीक हैं, वह टीम इंडिया के फिट खिलाड़ियों में से एक हैं. पर, कई बार ऐसा हुआ है कि वो मैदान में इंजर्ड हो गए हैं. जो उनके लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय रहेगा. फिटनेस मेंटेन करते हुए वो वर्ल्ड कप में कैसे खेलेंगे, यह एक अहम सवाल रहेगा. इसके अलावा गेंदबाजी में ज्यादा विविधता अपनाने के कारण वह बल्लेबाजों के कहर का शिकार बन चुके हैं.
3: क्या अक्षर पटेल को मिलेगा वर्ल्ड कप में मौका?
वर्ल्ड कप 2023 की टीम में शामिल अक्षर पटेल ने हाल में अपने नाम की स्पेलिंग (Axar से Akshar) बदल ली है. वह टीम इंडिया के तीसरे स्थापित ऑलराउंडर के रूप में हैं. यही वजह थी कि विंडीज दौरे पर उनको ऊपरी क्रम में भेजा गया. कप्तान रोहित का भी उन पर विश्वास है. अक्षर 2019 की वर्ल्ड कप टीम में नहीं थे, लेकिन वो 2015 के वर्ल्ड कप स्क्वॉड में रह चुके हैं.
अक्षर पटेल बल्लेबाजी भी ताबड़तोड़ अंदाज में करते हैं और भारत की घरेलू पिचों पर वो बहुत ही खतरनाक साबित हो सकते हैं. अक्षर पटेल ने वनडे में डेब्यू 15 जून 2014 को बांग्लादेश के खिलाफ किया था. तब से वो अब तक 52 मैचों में 58 विकेट ले चुके हैं. वहीं, उनके नाम 18.77 के एवरेज और 102.48 के स्ट्राइक रेट से 403 रन बना चुके हैं.
अक्षर पटेल की कमजोरी: अक्षर पटेल घरेलू पिच पर जलवा दिखाते हैं, लेकिन ओवरसीज कंडीशंस में वो अक्सर फ्लॉप रहे हैं. वनडे में बल्लेबाजी में अब तक कोई ऐसा प्रदर्शन नहीं किया है, जिसे याद रखा जाए.
4: शार्दुल ठाकुर बल्लेबाजी की वजह से बना पाए जगह
शार्दुल ठाकुर को हाल में वर्ल्ड कप की टीम में जगह मिली. उन्हें मुकेश कुमार, प्रसिद्ध कृष्णा और अनुभवी भुवनेश्वर कुमार पर तरजीह दी गई. लेकिन ‘लॉर्ड’ के नाम से मशहूर शार्दुल ठाकुर का हालिया प्रदर्शन जोरदार रहा है. शार्दुल ठाकुर ने अब तक 40 वनडे में 59 विकेट लिए हैं. वहीं, 106 के स्ट्राइक रेट से वनडे में 318 रन भी बनाए हैं, जिसमें एक अर्धशतक भी शामिल है.
जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज जैसे गेंदबाजो की गैरमौजूदगी में शार्दुल ने वेस्टइंडीज के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया था. इस सीरीज में टीम इंडिया के लिए शार्दुल ठाकुर ने धमाकेदार गेंदबाजी करते हुए 8 विकेट लिए थे. तब उनकी गेंदबाजी की चर्चा नहीं हुई, लेकिन वर्ल्ड कप में उन्हें जगह मिलने से यह बात तय हो गई कि उनकी टीम में जगह बॉलिंग और बैटिंग के कॉम्बिनेशन के कारण ही मिल पाई.
शार्दुल ठाकुर की कमजोरी: शार्दुल ठाकुर में निरंतरता की कमी है. उनसे जितनी उम्मीदें लगाई गई हैं, वैसा प्रदर्शन वो आज तक नहीं कर पाए हैं.
अब भी हो सकता है टीम में बदलाव
भारत समेत बाकी सभी 10 देशों की टीमों में बदलाव की गुंजाइश अब भी है. यदि कोई देश अपनी घोषित टीम में बदलाव करना चाहता है, तो वो 28 सितंबर तक बगैर ICC की इजाजत के बदलाव कर सकता है. मगर 28 सितंबर तक उसे फाइनल 15 सदस्यीय टीम बतानी होगी. इसके बाद आईसीसी की मंजूरी के बाद ही बदलाव किया जा सकेगा.