नई दिल्ली: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक कराया जाता है। सावन के सोमवार को रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि रुद्राभिषेक करवार श्रद्धालुओं भगवान शिव से सुख-समृद्धि और निरोगी होने की कामना करते हैं। इसलिए भगवान शिव का प्रसन्न करने के लिए सावन में शिवलिंग का अभिषेक करवाना चाहिए।
रुद्राभिषेक के लिए शुभ तिथियां अधिकतर निकल गई हैं। अब चौथे सोमवार को रुद्राभिषेक करवा सकते हैं। इसके अलावा यानी 4 अगस्त 2025 इसके अलावा सावन पूर्णिमा और प्रदोष व्रत के दिन भी रुद्राभिषेक करवाया जा सकता है। ऐसा कहा जाता है कि रुद्राभिषेक करवाने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं, हेल्थ में सुधार आता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। अगर संभव हो तो इस पवित्र अनुष्ठान को ब्राह्मण द्वारा करवाना चाहिए। घर पर ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए श्रद्धा और भक्ति से अभिषेक करना अत्यंत फलदायक होता है।
रुद्राभिषेक में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल, बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि चढ़ाए जाते हैं और मंत्रों का जाप किया जाता है। कहा जाता है कि रुद्राभिषेक में बोले जाने वाले मंत्र व्यक्ति को कोई रोग नहीं होता है। वहीं कालसर्प दोष, मंगल दोष जैसे ग्रह दोषों की शांति होती है। रुद्राभिषेक में भोले बाबा के शिवलिंग को दूध से स्नान गन्ने के रस आदि से स्नान कराया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि विशेषकर सावन मास और शिवरात्रि के दिन यह अनुष्ठान अत्यंत फलदायी माना जाता है। रुद्राभिषेक से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, बाधाएं कम होती हैं और भक्तों को भगवान शिव की अनंत कृपा प्राप्त होती है।