नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा की यूपी के किसानों से की गई अपील भाजपा की टेंशन बढ़ा सकती है। किसान आंदोलन खत्म होने के बाद भाजपा जाटों और खासतौर से पश्चिमी यूपी में किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश में लगी है। इधर, किसान मोर्चा ने ‘दंडित’ करने वाली अपील कर दी है। मोर्चा ने उत्तर प्रदेश के किसानों से अपील की है कि उनकी मांगों को पूरा नहीं कर उनसे छल करने के लिए विधानसभा चुनावों में भाजपा को ‘दंडित’ करें।
55 किसान संगठनों का समर्थन
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने बृहस्पतिवार को बताया कि एसकेएम की अपील का 55 किसान संगठनों ने समर्थन किया है। बहरहाल, उन्होंने स्पष्ट किया कि मोर्चा का चुनावों में किसी पार्टी के लिए वोट मांगने से कोई लेना-देना नहीं है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले एसकेएम ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति बनाने और किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने सहित उनकी शेष मांगें अभी भी अधूरी हैं।
सरकार ने मांगें पूरी नहीं की….
यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘एसकेएम ने उत्तर प्रदेश के किसानों से अपील की है कि किसानों से छल करने के लिए आगामी चुनावों में भाजपा को दंडित करें। सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं की हैं। एमएसपी के लिए अभी तक न तो समिति गठित की गई है और न ही किसानों के खिलाफ मामले वापस लिए गए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हम मेरठ, कानपुर, सिद्धार्थनगर, गोरखपुर और लखनऊ सहित नौ स्थानों पर आगामी दिनों में संवाददाता सम्मेलन आयोजित करेंगे। पूरे उत्तर प्रदेश में हमारी अपील वाले पर्चे वितरित किए जाएंगे। एसकेएम का किसी पार्टी के लिए वोट मांगने से कोई लेना-देना नहीं है। मोर्चा गैर राजनीतिक था और रहेगा।’
किसानों ने साफ कर दिया है वे घर-घर जाकर पर्चे बटवाएंगे और ‘भाजपा को सजा दो’ स्लोगन के साथ मैदान में उतरेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने मिशन यूपी की शुरूआत करते हुए साफ कर दिया कि किसानों की सरकार के साथ 5 बिन्दुओं पर सहमति बनी, जिसपर सरकार ने पत्र भी जारी किया, उसी के बाद आंदोलन स्थगित हुआ। दुर्भाग्यपूर्ण एमएसपी पर कमिटी आज तक नहीं बनी, किसानों के ऊपर मुकदमे दर्ज वापस होंगे उसपर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। पराली पर जुर्माने का मामला था। बिजली बिल पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।