नई दिल्ली: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने रविवार (24 अगस्त) को स्टॉक एक्सचेंज को दी गई सूचना में कहा कि भारत के बाजार रेगुलेटरी ने जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईडीबीआई बैंक में सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में पुनर्वर्गीकृत होने के अनुरोध को मंजूरी दे दी है, जिससे ऋणदाता में रणनीतिक बिक्री का रास्ता साफ हो गया है। भारत ने आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी बिक्री के लिए उचित परिश्रम पूरा कर लिया है और अक्टूबर से दिसंबर के बीच वित्तीय बोलियां आमंत्रित करने की योजना बना रहा है।
बता दें कि हाल ही में निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव अरुणीश चावला ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई कि आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी बिक्री चालू वित्त वर्ष में पूरी हो जाएगी। पात्र बोलीदाताओं ने अपनी जांच-पड़ताल प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली है। चावला ने उद्योग मंडल फिक्की के वार्षिक पूंजी बाजार सम्मेलन के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 47,000 करोड़ रुपये के परिसंपत्ति मौद्रीकरण यानी संपत्ति को बाजार पर चढ़ाने के लक्ष्य के मुकाबले पहली तिमाही में ही 20,000 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं।
सरकार के पास कितनी हिस्सेदारी
सरकार, जिसके पास आईडीबीआई बैंक में 45.48% हिस्सेदारी है, और सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय जीवन बीमा निगम, जिसके पास 49.24% हिस्सेदारी है, दोनों मिलकर बैंक की 60.7% हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं। बिक्री प्रक्रिया की घोषणा सबसे पहले 2022 में की गई थी। रॉयटर्स ने बताया है कि इच्छुक खरीदारों में एमिरेट्स एनबीडी और कनाडाई अरबपति प्रेम वत्स शामिल हैं। एलआईसी को पहले आईडीबीआई बैंक में एक प्रमोटर्स शेयरधारक के रूप में वर्गीकृत किया गया था, यह दर्जा उसे 2019 में बैंक का कंट्रोल लेने के बाद मिला। एक प्रमोटर्स के रूप में, एलआईसी के पास बैंक के संचालन पर बोर्ड प्रतिनिधित्व और रणनीतिक प्रभाव था। पुनर्वर्गीकरण से एलआईसी के ये अधिकार समाप्त हो गए हैं, जिससे उसकी भूमिका एक वित्तीय निवेशक की हो गई है।
बीमाकर्ता और बैंक द्वारा अलग-अलग प्रस्तुतियों के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस शर्त पर मंजूरी दी है कि एलआईसी कंट्रोल नहीं रखेगी या बोर्ड में प्रतिनिधित्व नहीं करेगी, और उसके मतदान अधिकार 10% तक सीमित रहेंगे। प्रस्तुतियों में कहा गया है कि एलआईसी को बैंक के पुनर्वर्गीकरण के दो वर्षों के भीतर अपनी हिस्सेदारी 15% या उससे कम करनी होगी। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव अरुणीश चावला ने कहा है कि बिक्री चालू वित्त वर्ष के भीतर पूरी होने का लक्ष्य है। आईडीबीआई बैंक के शेयर इस साल अब तक लगभग 25% बढ़ चुके हैं।