गोलीबारी, बारूद और बमबारी के बीच कोई बंकर को ढूंढ रहा था तो कोई ऐसा ठिकाना जहां उसकी सांसें चलती रहे। ऐसे में नरसिंहपुर जिले की करेली तहसील निवासी डॉ. प्रियांशु गौतम ने अपने साथियों के साथ ईश्वर का नाम लेकर हर हाल में घर वापसी का निर्णय लिया। छात्रों के 40 सदस्यीय दल के साथ प्रियांशु ने किराए पर बस ली और 700 किमी तक 26 घंटे के सफर में मिसाइल, बमबारी को झेलते हुए रोमानिया की बार्डर पर पहुंच गए।
इस दौरान वे साथियों का मनोबल बढ़ाते रहे। आखिरकार गौतम व उनके 40 साथी सकुशल मंगलवार की रात नई दिल्ली के एयरपोर्ट पर उतर गए। डॉक्टर गौतम ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के बाद से ही हम लगातार अपने वतन लौटने के प्रयास में थे। इसके लिए वे लगातार रोमानिया स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों से संपर्क भी कर रहे थे। लेकिन, छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए अधिकारी उन्हें यूक्रेन में ही रहने की सलाह देते रहे।
आखिरकार 26 फरवरी को हम 40 छात्र-छात्राओं ने यूक्रेन के ओडेसा शहर से 700 किमी दूर रोमानिया बार्डर तक पहुंचने के लिए करीब 10 लाख रुपये खर्च कर एक बस किराए पर ली। आखिरकार हमारा ये फैसला सही रहा। जैसे ही बस ओडेसा से निकली, आधा घंटे बाद रशियन आर्मी ने शहर पर मिसाइल दाग दी। जिसमें भारी तबाही हुई। शुक्र है कि हमारी बस में भारतीय ध्वज तिरंगा के पोस्टर-बैनर लगे थे। रशियन आर्मी इसे देखकर सम्मान के साथ हमें आगे बढ़ने देती रही। डॉ. प्रियांशु ने म.प्र.सरकार के अधिकारियों समेत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट पर हमवतन साथियों की हर जरूरत का ख्याल रखा। बता दें कि बुधवार को डॉ. प्रियांशु को अधिकारियों ने जबलपुर तक के लिए हवाई टिकट भी देने का आफर दिया था लेकिन मेडिकल काउंसिल से संबंधित काम होने के कारण वे नहीं आए।