नई दिल्ली l यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत ने बड़ा एक्शन लिया है। भारत ने रूस और यूक्रेन के राजदूतों को तलब किया है। रूस और यूक्रेन के बीच घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। रूस लगातार खारकीव और यूक्रेन की राजधानी कीव पर मिसाइल अटैक कर रहा है। इस हमले में एक भारतीय छात्र की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में यूक्रेन में भारतीय राजदूत ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि भारतीय छात्र जल्द से जल्द कीव छोड़ दें।
बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखने के आदेश ने यूक्रेन को लेकर तनाव बढ़ा दिया है। अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों ने कहा कि वे यूक्रेन को अधिक स्टिंगर मिसाइल और लड़ाकू विमानों समेत हथियारों की आपूर्ति बढ़ा रही हैं। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के कार्यालय ने सोमवार को बेलारूस की सीमा पर एक रूसी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की योजना की घोषणा की। वहीं यूक्रेन पर रूस के हमले को 6 दिन हो गए हैं। यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव की सड़कों पर युद्ध चल रही है जबकि सैनिक राजधानी कीव के नजदीक पहुंच रहे हैं। यहां वे बातें हैं जो यूक्रेन पर रूस के हमले और यूरोप में सुरक्षा सकंट पर जाननी चाहिए।
यूक्रेन पर रूस की सैन्य कारर्वाई के दौरान कर्नाटक के मेडिकल छात्र नवीन एसजी की मंगलवार को गोलाबारी में मौत हो गयी है। विदेश मामलों के विभाग ने आज यह जानकारी दी। यूक्रेन में छात्रों ने बताया है कि कर्नाटक के हावेरी जिले के रणबेन्नूर तालुक के चालगेरी गांव के नवीन की रूस की गोलाबारी में मौत हो गई है।
यूक्रेन में फंसे भारतीय विद्यार्थियों ने बताया कि खारकीव में मेडिकल पाठ्यक्रम की चौथे वर्ष की पढ़ाई करने वाला छात्र नवीन खाद्य सामान लाने के लिए घर से बाहर निकला था। इसी दौरान सब्जी के लिए लाइन में अन्य लोगों से साथ खड़े नवीन की गोली लगने से मौत हो गयी।
खारकीव की टाइमलाइन के मुताबिक रूसी सेना ने सुबह करीब सात बजे रॉकेट से हमला किया, जबकि नवीन कई अन्य लोगों के साथ खाद्य सामान लाने के लिए कतार में खड़ा था,जिसमें गोली लगने से उसकी मौत हो गयी। नवीन मेडिकल की पढ़ाई के लिए पिछले चार साल से यूक्रेन के रह रहा था। आज पूर्वाह्न 11.30 बजे जब उनसे संपर्क किया गया, जिसमें परिवार वालों को उसके मौत की सूचना मिली।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार और सोमवार को बैक-टू-बैक तीन बड़ी बैठकें करके हालात का जायजा लिया। इन बैठकों में निर्णय लिया गया कि भारतीयों की सुरक्षित वापसी के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों (हरदीप सिंह पुरी, जनरल वीके सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और किरेन रिरिजू) को भेजा जाएगा। बता दें कि यूक्रेन से सटे देशों की सीमा पर भारतीय छात्र जुटे हुए हैं और अपनी सुरक्षित निकासी का इंतजार कर रहे हैं।