नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी पूरे दमखम के साथ अपनी तैयारियों में जुट गई है. बीजेपी का फोकस उत्तर प्रदेश पर है, क्योंकि 2014 और 2019 में देश की सत्ता में काबिज होने में इसी राज्य की अहम भूमिका रही है. पीएम मोदी पूर्वांचल के काशी से सांसद हैं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसी इलाके के गोरखपुर से आते हैं. यही वजह है कि बीजेपी के लिए पूर्वांचल काफी अहम हो जाता है, जिसके चलते ही पार्टी ने अपने दुर्ग को बचाए रखने के लिए जातीय आधार वाले दलों के साथ हाथ मिलाया है. ऐसे ही दक्षिण भारत में भी बीजेपी अपने सियासी समीकरण को मजबूत करने में जुटी है. इसी कड़ी में अब एनडीए सांसदों के साथ मंथन का सिलसिला भी शुरू हो गया है.
पश्चिमी यूपी के बाद अब पूर्वांचल और अवध क्षेत्र के बीजेपी और सहयोगी अपना दल (एस) के सांसदों के साथ पीएम मोदी बुधवार शाम को संवाद करेंगे और 2024 के चुनाव में उन्हें जीत का मंत्र देंगे. यूपी के 48 सांसदों के अलावा दक्षिण भारत के तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के सांसदों के साथ संवाद करेंगे. इसके अलावा पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप से जुड़े एनडीए सांसदों के साथ प्रधानमंत्री मोदी बातचीत करेंगे.
महाराष्ट्र सदन में करेंगे बैठक
एनडीए सांसदों के साथ पीएम मोदी महाराष्ट्र सदन में बैठक करेंगे. पहले शाम सात बजे यूपी के अवध और पूर्वांचल के काशी और गोरखपुर क्षेत्र के कुल 48 सांसद हिस्सा लेंगे. यूपी की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ और अनुप्रिया पटेल अतिथि होंगे. वहीं, शाम साढ़े आठ बजे साउथ के राज्यों के एनडीए सांसदों के साथ होने वाली बैठक संसद भवन परिसर में होगी, जिसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शिरकत करेंगे.
पूर्वांचल बीजेपी के लिए क्यों अहम?
बीजेपी ने 2024 में यूपी के सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. पूर्वांचल के क्षेत्र में कुल 27 सीटें आती हैं जबकि अवध क्षेत्र 15 सीटें हैं. पूर्वांचल की 27 सीटों में काशी क्षेत्र में 14 और गोरखपुर क्षेत्र में 13 लोकसभा सीटें हैं. पीएम मोदी वाराणसी से सांसद हैं और सीएम योगी गोरखपुर से प्रतिनिधित्व करते हैं. पूर्वांचल की 27 में 22 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है जबकि अवध क्षेत्र की 15 में से 14 सीट बीजेपी के पास है. इस तरह पूर्वांचल-अवध में बीजेपी के सियासी अहमियत को समझा जा सकता है. केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार पूर्वांचल के विकास पर खास फोकस कर रखा है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण तेजी से चल रहा है तो काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनकर तैयार है. बीजेपी इस अपनी उपलब्धियों में राम मंदिर और काशी कॉरिडोर को रख रही है.
जातियों के इर्द-गिर्द सिमटी है पूर्वांचल की सियासत
पूर्वांचल की सियासत जातियों के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है. इसीलिए बीजेपी पूर्वांचल को लेकर खास तौर पर अलर्ट है, जिसके चलते ही राजभर, निषाद और कुर्मी वोटों को लिए उनके सियासी आधार वाले दलों के साथ गठबंधन किया है. इसके बाद अब पूर्वांचल के सांसदों से साथ पीएम मोदी बैठक करके उनसे जमीनी हकीकत को समझेंगे और उसके बाद जीत का मंत्र देंगे. पीएम मोदी ने सोमवार को पश्चिमी यूपी, बृज, कानपुर-बुंदेलखंड के साथ बैठक करके उन्हें क्षेत्र में सक्रिय होने और जनता के बीच जाने का दिशा-निर्देश दिया था. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने रक्षाबंधन के मौके पर मुस्लिम महिलाओं से मिलने के लिए कहा है. ऐसे ही पूर्वांचल के सांसदों को भी आदेश देंगे.
दक्षिण भारत पर बीजेपी का फोकस
दक्षिण भारत के राज्यों के सांसदों के साथ भी पीएम मोदी बैठक करेंगे. कर्नाटक की चुनावी हार के बाद बीजेपी के लिए दक्षिण का दुर्ग और भी मुश्किल हो गया है. इसीलिए बीजेपी कर्नाटक से लेकर तमिलनाडु और केरल तक को साधने की कवायद में जुटी है. तमिलनाडु में बीजेपी ने AIADMK सहित कई छोटे दलों के साथ गठबंधन कर रखा है, लेकिन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक में अकेले चुनावी मैदान में उतरने जा रही है. दक्षिण भारत में कुल 131 सीटें आती हैं, जिनमें से बीजेपी के पास फिलहाल 30 सीटें हैं. इसमें कर्नाटक की 24 सीटें शामिल हैं और तीन सीट तेलंगाना की हैं. ऐसे में एनडीए इस बार दक्षिण में अपनी जीती हुई सीटों को बचाए रखने के साथ-साथ उसे बढ़ाने की कवायद में है. ऐसे में पीएम मोदी खुद दक्षिण के सांसदों के साथ संवाद करने की रूप रेखा बनाई गई है.