अर्जुन सिंह दिल्ली। गुरुवार 5 जनवरी उत्तराखंड गवर्नमेंट पैशनर्स संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल की अगुवाई में पैंनशनरों की सहमति लिए वगैरह उनकी पैंशन से मासिक कटौती करने को लेकर उत्तराखंड से पहुंचे दर्जनों पेंशनभोगियों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर अपना विरोध दर्ज करवाया।
अध्यक्ष ने कहा कि पेंशन से कटौती को बन्द किए जाने को लेकर आन्दोलन को दो वर्ष से अधिक हो गया है। कहा कि, सरकार ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने के नाम पर पैंनशनरों की सहमति लिए वगैरह उनकी पैंशन से मासिक कटौती कर दी। शुरू के दिनो में पेंशनर्स इस योजना को लेकर उत्साहित थे। उन्हें लगा बुढ़ापे में यह योजना उनके लिए सहारा बनेगी और उन्हें किसी पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा। पेंशन से कटौती को पूरे दो साल हो गए हैं। लेकिन अभी तक 90 प्रतिशत लोगों के स्वास्थ्य सेवाओं के लिए गोल्डन कार्ड नहीं बने हैं। जिसके जरिए पेंशनर्स का इलाज होना है। और जिनके गोल्डन कार्ड बन चुके हैं, उन्हें सरकारी अस्पताल भी स्वीकार करने में आनाकानी करते हैं।
उत्तराखंड गवर्नमेंट पैशनर्स संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि, पिछले दो वर्षों से राज्य के पेंशनर्स इस अन्याय के खिलाफ सड़कों पर हैं, लेकिन सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही। तड़ियाल ने कहा कि, सरकार उत्तराखंड राज्य स्वास्थ्य सुविधाएं देने में असमर्थ साबित हो रही है।
कहा लम्बी लड़ाई के बाद भी जब सरकार ने एक नहीं सुनी तो थक-हार कर पेंशनर्स संगठन इसके खिलाफ उच्च न्यायालय की शरण में गए, उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा एक जनहित याचिका में 15 दिसंबर, 2021 व एक अन्य याचिका में 21 दिसंबर, 2021 को स्थगन आदेश पारित किए गए न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में दिसंबर की पेंशन से ही कटौती बन्द हो गई थी।
कहा 25 अगस्त, 2021 को प्राधिकरण द्वारा एक इश्तिहार निकाला गया जिसमें कहा गया कि, जो पैंशनर्स एक माह के अंदर ना में अपना विकल्प नहीं देंगे उन्हें हां मानते हुए योजना में सम्मिलित कर लिया जायेगा और उनके पेंशन से जनवरी 2021 से ही मासिक अंशदान की कटौती कर ली जाएगी। इस तरह सितंबर 2021 की पैंशन से पूरे दस महीने की एकमुश्त कटौती की गई।
इस बाबत एक साल से न्यायालय में भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अध्यक्ष ने कहा कि, हमारे संगठन द्वारा उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना को लेकर पिछले दिसंबर महीने में उच्च न्यायालय में अवमानना वाद दायर किया गया। 16 दिसंबर को हुई सुनवाई में न्यायालय द्वारा हमारी याचिका को स्वीकार कर लिया। परन्तु अगली सुनवाई की तिथि 5 अप्रैल, 2023 रखी गई है। न्यायालय के मौजूदा आदेश से प्राधिकरण को कटौती के लिए पांच महीने का और समय मिल गया है। इस मामले में पांच महीने का लम्बा समय दिए जाने से पेंशनर्स के अंदर न्याय पाने की उम्मीद को धक्का लगा है। न्याय पाने की उम्मीद में अभी तक दर्जनों पेंशनर्स मर चुके हैं।
राज्य सरकार से खफा पेंशनर्स केंद्र सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना प्रर्दशन के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को अपना ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर सेवानिवृत्त जिला विद्यालय निरीक्षक डी एस नेगी, के एन कबडवाल, गोपाल दत्त भगत, बाला दत्त मठपाल, गोपाल सिंह रौतेला, नवीन चन्द्र रिखाड़ी, प्रकाश चन्द्र वैला, गोपाल दत्त सती, मीरा रावत, पी एस शाही, दीपक भाकुनी, राजेन्द्र परथोली, सहित सैकड़ों लोगों मौजूद रहे।