उत्तर प्रदेश की पीलीभीत सीट से भाजपा के सांसद वरुण गांधी इन दिनों नए अवतार में हैं। भाजपा के समर्पित सांसद का अवतार उन्होंने काफी पहले छोड़ दिया था और नीतिगत मसलों पर अपनी ही पार्टी की सरकार को कठघरे में खड़ा करने लगे थे। उन्होंने भारत में खेती और खेती से जुड़ी अर्थव्यवस्था को लेकर एक बहुत अच्छी किताब लिखी और किसानों के आंदोलन का समर्थन भी किया। इसके लिए व्यापक रूप से उनको समर्थन मिला। लेकिन अब वे इससे भी आगे निकल कर नए अवतार में आ गए हैं। यह अवतार कुछ कुछ फिल्म अभिनेता सोनू सूद के कोरोना काल वाले अवतार से मिलता जुलता है।
ध्यान रहे कोरोना काल में सोनू सूद ने हजारों लोगों की मदद की थी। लोगों को अपने घर पहुंचाने से लेकर घरों में लोगों को ऑक्सीजन और जरूरी दवाएं भिजवाने और गांव लौट कर बेकार बैठे युवाओं को नौकरी दिलाने से लेकर लोगों का इलाज कराने तक उन्होंने मसीहा की भूमिका निभाई। वरुण गांधी भी ऐसी ही भूमिका निभा रहे हैं। फर्क यह है कि उन्होंने एक खास वर्ग को मदद के लिए चुना है। यह वर्ग युवाओं का है। उन्होंने सोशल मीडिया में इस बात की मुहिम छेड़ी है कि राज्यों में नौकरी के लिए होने वाली परीक्षाएं समय पर हों और उनके नतीजे समय पर निकलें। वे यह मुद्दा भी उठा रहे हैं कि युवाओं को परीक्षा केंद्रों पर पहुंचने की सुविधा दी जाए। ऐसे प्रतिभागी जिनके पास साधन नहीं है या परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में दिक्कत हो रही है, टिकट खरीदने के पैसे नहीं हैं, उन सबके लिए वरुण इंतजाम कर रहे हैं। नौजवान खुल कर वरुण से अपनी जरूरत बता रहे हैं वे उसे पूरा करके उसकी सूचना दे रहे हैं।