प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: चीन के तियानजिन शहर में 31 अगस्त से 1 सितंबर तक आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन ने वैश्विक कूटनीति में एक नया अध्याय लिखा। इस समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं। तीनों नेताओं के बीच मुस्कुराहटें, हाथ मिलाना, गले लगना और अनौपचारिक बातचीत की तस्वीरें वायरल हो गईं, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के बीच ‘ग्लोबल साउथ’ की एकजुटता का प्रतीक बनीं। यह मुलाकात न केवल क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने का संदेश देती है, बल्कि अमेरिकी दबाव के खिलाफ एक साफ तौर पर खड़े होने का ऐलान भी करती है।
समिट का आयोजन
SCO, जो 2001 में स्थापित हुआ, एक क्षेत्रीय संगठन है जिसमें 10 पूर्ण सदस्य देश (भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और बेलारूस) शामिल हैं। इस समिट को चीन ने होस्ट किया, जो संगठन की अध्यक्षता कर रहा है। यह SCO का सबसे बड़ा आयोजन था, जिसमें 20 से अधिक विदेशी नेताओं और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी शामिल हुए।
समिट का मुख्य फोकस क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग, आर्थिक स्थिरता और वैश्विक चुनौतियों पर था। शी जिनपिंग ने उद्घाटन भाषण में ‘धौंस और दबाव’ वाली वैश्विक व्यवस्था की आलोचना की, जो स्पष्ट रूप से अमेरिकी नीतियों पर तंज था। उन्होंने कहा कि SCO देशों की संयुक्त अर्थव्यवस्था 30 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच रही है और यह संगठन ‘नई वैश्विक व्यवस्था’ का आधार बनेगा।
प्रधानमंत्री मोदी की यह चीन यात्रा 7 साल बाद हुई (2020 गलवान संघर्ष के बाद पहली)। उन्होंने समिट में भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया, जिसमें क्षेत्रीय सहयोग, आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस और संप्रभुता का सम्मान शामिल था।
मोदी-पुतिन की नजदीकी
मोदी, पुतिन और जिनपिंग की केमिस्ट्री मुस्कुराहटें, हाथ मिलाना और समिट के दौरान तीनों नेताओं की केमिस्ट्री ने सभी का ध्यान खींचा। ग्रुप फोटो सेशन से पहले और बाद में पीएम मोदी और पुतिन ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया, गले लगे और एक ही कार में यात्रा की। मोदी ने सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “राष्ट्रपति पुतिन से मिलना हमेशा खुशी की बात है।” पुतिन ने मोदी की बात सुनने के लिए अनुवादक बुलाया, जो उनकी दोस्ती का प्रतीक था। दोनों ने द्विपक्षीय बैठक में यूक्रेन संकट में भारत के शांति प्रयासों पर चर्चा की।
#WATCH चीन के तियानजिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मुझे हमेशा लगता है कि आपसे मिलना एक यादगार बैठक होती है। हमें कई विषयों पर जानकारी साझा करने का अवसर मिला है। हम लगातार संपर्क में रहे हैं। दोनों पक्षों… pic.twitter.com/iwtwwPxWIO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2025
मोदी-जिनपिंग की मुलाकात
रविवार को 50 मिनट की द्विपक्षीय वार्ता हुई, जहां सीमा विवाद सुलझाने, सीधी उड़ानों बहाल करने (2020 से बंद) और कैलाश मानसरोवर यात्रा पर सहमति बनी। मोदी ने कहा, “भारत-चीन संबंधों को विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता पर आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध।” जिनपिंग ने भारत को ‘महत्वपूर्ण मित्र’ बताया और कहा, “हम साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं।”
समिट से पहले तीनों ने अनौपचारिक बातचीत की, जहां हंसी-मजाक और मुस्कुराहटें दिखीं। रूस की विदेश मंत्रालय ने इसे ‘वीडियो ऑफ द डे’ कहा। यह तस्वीर 2018 ब्रिक्स समिट की याद दिलाती है, लेकिन अब अमेरिकी टैरिफ के संदर्भ में इसका महत्व ज्यादा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (SCO) शिखर सम्मेलन स्थल पर। pic.twitter.com/5g1lWbBcKG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 1, 2025
ट्रंप को चुनौती, ग्लोबल साउथ की एकजुटता
यह मुलाकात अमेरिकी दबाव के बीच आई है। ट्रंप ने भारत पर रूस से सस्ता तेल खरीदने के लिए 50% टैरिफ लगाए, जिसे भारत ने ‘संरक्षणवादी’ बताया। ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने विवादित बयान दिया, “भारतीय ब्राह्मण रूसी तेल से मुनाफा कमा रहे हैं।” SCO में जिनपिंग ने ‘बुलिंग व्यवहार’ की निंदा की, जबकि मोदी ने आतंकवाद पर ‘डबल स्टैंडर्ड’ की आलोचना की।
तीनों देश अमेरिका के खिलाफ खड़े दिखे। SCO घोषणापत्र में पहलगाम आतंकी हमले (अप्रैल 2025 में 26 मौतें) की निंदा की गई, जो पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष चेतावनी था। भारत ने रूस से तेल खरीद जारी रखने का ऐलान किया।
भारत-चीन संबंधों में सुधार
2020 गलवान के बाद पहली बार सीमा शांति पर सहमति। SCO ने CPEC (चीन-पाक आर्थिक गलियारा) पर भारत की आपत्ति को नोट किया। शहबाज शरीफ कोने में अलग-थलग दिखे। एक वीडियो में मोदी-पुतिन बात करते हुए गुजरे, तो शरीफ हाथ बांधे देखते रहे। पुतिन से हाथ मिलाने की जल्दबाजी पर ट्रोलिंग हुई।
SCO देशों की GDP 30 ट्रिलियन डॉलर
भारत-चीन व्यापार घाटा कम करने पर फोकस। सुरक्षा सहयोग आतंकवाद विरोधी एकता; पहलगाम हमले की निंदा। द्विपक्षीय समझौते भारत-चीन: उड़ानें बहाल, सीमा प्रबंधन। भारत-रूस: यूक्रेन शांति प्रयास। ट्रंप का रिएक्शन टैरिफ बढ़ाने की धमकी, लेकिन SCO की एकता से अमेरिका चिंतित।
मोदी ने SCO को ‘क्षेत्रीय सहयोग का इंजन’ बताया और वैश्विक दक्षिण की आवाज मजबूत करने पर जोर दिया। मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति मुईज्जू, नेपाल के पीएम केपी ओली और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन से बात की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन के दौरान मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू से बातचीत की। मालदीव के साथ भारत का विकासात्मक सहयोग हमारे लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है।" pic.twitter.com/GxcYvMnt3U
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 31, 2025
भारत की कूटनीतिक जीत
जॉइंट स्टेटमेंट में आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सहयोग पर सहमति। भारत ने SCO विस्तार का समर्थन किया। कांग्रेस ने मोदी पर चीन के सामने ‘नरमी’ का आरोप लगाया, लेकिन समग्र रूप से यह भारत की कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।
यह समिट भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को रेखांकित करती है। ट्रंप की नीतियां वैश्विक व्यवस्था को चुनौती दे रही हैं, लेकिन SCO जैसे मंच ‘बहुपक्षीयता’ का जवाब दे रहे हैं। भविष्य में भारत-चीन-रूस की यह तिकड़ी और मजबूत हो सकती है, जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र को नई दिशा देगी।