नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं का समर्थन जुटाने में लगे हैं लेकिन प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से अभी तक उनके पक्ष में सकारात्मक संकेत नहीं मिले हैं। आम आदमी पार्टी का समर्थन करने को लेकर कांग्रेस के भीतर से ही आवाजें बुलंद होने लगी हैं। पंजाब और दिल्ली के कुछ नेता आम आदमी पार्टी का समर्थन करने के पक्ष में नहीं हैं। खास तौर पर दिल्ली बात करें तो कांग्रेस के दो बड़े चेहरे अजय माकन और संदीप दीक्षित सार्वजनिक रूप से आम आदमी पार्टी का समर्थन नहीं करने की सलाह आलाकमान को दी है।
आम आदमी पार्टी के विरोध में कांग्रेस के भीतर नेताओं की उठती आवाजों को देखते हुए आलाकमान ने पंजाब और दिल्ली इकाई के नेताओं को परामर्श के लिए तलब किया था। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों इकाईयों के नेताओं ने अपनी राय से आलाकमान को अवगत करा दिया है। कई नेताओं का कहना है कि अरविंद केजरीवाल से दूर रहना ही पार्टी के लिए बेहतर होगा। खास तौर पर यदि संदीप दीक्षित और अजय माकन की बात करें तो दोनों ने अध्यादेश के मसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर प्रत्यक्ष हमला बोला है। अजय माकन ने तो केजरीवाल को शीला दीक्षित के कार्यकाल की याद तक दिला दी है।
संदीप दीक्षित का कहना है कि केजरीवाल अच्छी तरह से जानते हैं कि यदि उन्हें सतर्कता विभाग पर नियंत्रण नहीं मिला तो उनको 8-10 साल के लिए जेल भेज दिया जाएगा। इसके साथ ही दीक्षित ने आप सरकार के खिलाफ अध्यादेश का समर्थन किया है। वहीं माकन ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल के इरादों की पोल पट्टी खुल गई है क्योंकि उन्होंने खुले तौर पर सतर्कता विभाग पर नियंत्रण की मांग की है। माकन ने कहा कि शराब घोटाला, सीएम आवास रेनोवेशन मामला, बिजली सब्सिडी घोटाला, बस खरीद घोटाला एवं अन्य घोटालों की जांच से केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खुल जाएगी।
माकन का कहना है कि केजरीवाल अपनी सरकार के भ्रष्टाचार पर पर्देदारी के लिए ही सेवाओं पर नियंत्रण की मांग कर रहे हैं। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए संदीप दीक्षित (Sandeep Dikshit) ने कहा कि यदि कोई कांग्रेसी पार्टी आलाकमान के खिलाफ कोई बयान देता है, तो उसे पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा। ऐसे में कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने के बारे में कैसे सोच सकती है। आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल ने तो कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के खिलाफ पीएम मोदी से भी ज्यादा विवादित और परेशान करने वाले बयान दिए हैं?
अजय माकन और संदीप दीक्षित दोनों ने अनुच्छेद 370 जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर आम आदमी पार्टी के केंद्र सरकार के समर्थन पर भी सवाल उठाए हैं। संदीप दीक्षित ने कहा कि चाहे वह पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस के महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं करने का वाकया हो, या राज्यसभा के उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं करने की घटना, आम आदमी पार्टी ने तो लगातार कांग्रेस के खिलाफ ही काम किया है। आलम यह है कि माकन और दीक्षित के बाद अब दिल्ली कांग्रेस के अन्य नेता भी केजरीवाल के खिलाफ मुखर हो रहे हैं।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि AAP और कांग्रेस के बीच दो मुख्य कांटेदार मुद्दे हैं। पहला यह कि केजरीवाल कांग्रेस के राष्ट्रीय और दिल्ली नेतृत्व दोनों के खिलाफ झूठे प्रचार के जरिए सत्ता तक पहुंचे। दूसरा दिल्ली विधानसभा का वह प्रस्ताव जिसमें पूर्व पीएम राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न को वापस लेने की मांग की गई थी। वहीं AAP नेताओं का मानना है कि एकजुट विपक्ष भाजपा को हराने के लिए जरूरी है लेकिन कांग्रेस इसमें क्या भूमिका निभाएगी यह स्पष्ट नहीं है। आप और कांग्रेस में पहले भी गठबंधन के प्रयास हुए हैं लेकिन कोशिशें कामयाब नहीं हुई हैं। इस बार भी प्रयास किए जा रहे हैं। देखना होगा कि ये कितने सफल होते हैं।