Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home विश्व

तालिबान की सबसे बड़ी ताकत क्या है, जिसे रूस-अमेरिका नहीं हरा सके?

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
October 13, 2025
in विश्व
A A
14
SHARES
471
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

नई दिल्ली। पाकिस्तान कहने में तो अपने पड़ोसी अफगानिस्तान से काफी शक्तिशाली है। दोनों देशों की सैन्य और आर्थिक रूप से कोई तुलना नहीं की जा सकती। पाकिस्तान सैन्य शक्ति के मामले में दुनिया की 12वें स्थान पर है और जीडीपी के मामले में 40वें पर। वहीं, तालिबान शासित अफगानिस्तान की कोई रैंकिंग ही नहीं है। यह देश मुफलिसी में जिंदगी गुजार रहा है, जहां अधिकतर लोगों को दो वक्त की रोटी भी मयस्सर नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि वर्तमान में जैसे पाक-अफगान सीमा पर सैन्य झड़पें जारी हैं, अगर यह युद्ध में बदलता है तो क्या पाकिस्तान जीत जाएगा। क्या तालिबान की हार सुनिश्चित है।

पाकिस्तान के लिए आसान नहीं अफगानिस्तान को हराना

इन्हें भी पढ़े

green card america

अमेरिका : जॉब के आधार पर मिलने वाले ग्रीन कार्ड की बदल सकती हैं शर्तें!

October 13, 2025
finland

ये देश भी दे रहा है अपने यहां बसने का मौका, मिलेंगी लग्जरी सुविधाएं

October 13, 2025

अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर : हिलने वाली है अर्थव्यवस्था की रीढ़, पूरी दुनिया पर दिखेगा असर

October 13, 2025
banned Türkiye

इस देश को महंगी पड़ रही भारत की दुश्मनी और पाकिस्तान की दोस्ती!

October 13, 2025
Load More

अफगानिस्तान का इतिहास देखें, तो यह यही सीख देता है कि उसे हराना या फिर इस पर नियंत्रण रखना आसान नहीं है। अफगानिस्तान पर सोवियत संघ और अमेरिका ने भी नियंत्रण की कोशिश की थी। दशकों तक मेहनत करने के बाद भी उन्हें सिर्फ नुकसान ही उठाना पड़ा। आखिर एक ऐसा समय आया कि दुनिया की इन दोनों महाशक्तियों को अफगानिस्तान छोड़कर लौटना पड़ा। रूस और अमेरिका जैसी इन महाशक्तियों को हराने वाला कोई और नहीं, बल्कि आज अफगानिस्तान पर हुकूमत करने वाला तालिबान ही है। ऐसे में पाकिस्तान को तालिबान से पार पाना आसान नहीं होगा।

पाकिस्तान, तालिबान को हराने में अक्षम क्यों है!

तालिबान भले ही एक मुजाहिदीन फौज है, अनट्रेंड लड़ाके हैं, हथियारों की भारी कमी है, हवाई सुरक्षा नहीं है। इसके बावजूद पाकिस्तानी सेना तालिबान को हराने के काबिल नहीं मानी जा सकती। पाकिस्तान वर्तमान में अंदरूनी चुनौतियों से जूझ रहा है। लगभग हर सूबे में विद्रोह जैसे हालात हैं। खैबर पख्तूनख्वा के एक बड़े हिस्से पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का कब्जा है। बलूचिस्तान में विद्रोही बलूचों ने मोर्चा संभाला हुआ है। पाकिस्तान का पंजाब सूबा भारत से सटा हुआ है, जहां हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं। रही बात सिंध की, तो वहां के लोग खुद को पाकिस्तानी सरकार का सताया हुआ मानते हैं। ऐसे में पाकिस्तान के अंदरूनी हालात उसे जंग करने की गवाही नहीं देते।

इस्लाम पर घर में ही घिर जाएगा पाकिस्तान

पाकिस्तान इस्लाम की बुनियाद पर बना मुल्क है, वो बात अलग है कि आज के वक्त में उसका इससे कोई वास्ता नहीं है। तालिबान भी खुद को इस्लाम का कट्टर पैरोकार बताता है। पाकिस्तान में तालिबान का समर्थन करने वालों की कोई कमी नहीं है। इनमें कई प्रभावशाली लोग हैं, जिनका अवाम पर सीधा नियंत्रण है। ऐसे में अगर तालिबान इन लोगों के जरिए पाकिस्तान पर दबाव डालता है तो पाकिस्तानी सेना के लिए मुश्किल स्थिति बन जाएगी।

तालिबान की सबसे बड़ी ताकत क्या है!

विशेषज्ञों के अनुसार, तालिबान की सबसे बड़ी ताकत रणनीतिक लचीलापन और वैचारिक एकजुटता है। इस कारण वह मुख्य धारा से कटे रहने के बावजूद खुद की वापसी कराने में सक्षम हो जाता है। इन्हीं दोनों कारणों की वजह से तालिबान दो दशक पहले सैन्य रूप से पराजित होने के बावजूद लंबे समय तक विद्रोह जारी रख पाया और अफगानिस्तान पर फिर से नियंत्रण हासिल कर पाया। तालिबान कोई न टूटने वाली मिलिट्री यूनिट नहीं है, बल्कि एक लचीला, बहुकेंद्रित नेटवर्क है जो विभिन्न परिस्थितियों के अनुकूल ढल सकता है। इसकी ऑपरेशनल यूनिट में एक हद तक स्वायत्तता है जिससे उन्हें हटाना मुश्किल हो जाता है। 2001 में अपने निष्कासन के बाद, तालिबान ने सुरक्षित ठिकानों से विद्रोह को निर्देशित करने के लिए क्षेत्रीय परिषदों (शूरा) के एक मजबूत ढांचे के साथ फिर से संगठित किया।

तालिबान का रणनीतिक और सैन्य कौशल

तालिबान के लड़ाके अत्यधिक प्रेरित हैं। इस कारण वे जान लेने और देने में तनिक भी देर नहीं लगाते हैं और खून के आखिरी कतरे तक लड़ने की कुव्वत रखते हैं। उनकी सैन्य रणनीति घात लगाकर हमले करने, गुरिल्ला लड़ाई में खुद को पारंगत करने की होती है। उन्होंने अपने दुश्मनों का मनोबल गिराने के लिए लक्षित हत्याओं और मनोवैज्ञानिक अभियानों सहित अघोषित युद्ध रणनीतियों का भी इस्तेमाल किया है। तालिबान आत्मघाती हमलों में भी आगे रहा है और दुश्मन को किसी भी पल चौंकाने में सक्षम है। यही कारण है कि अमेरिकी सेना, जिसे तकनीकी और ट्रेनिंग दोनों में चैंपियन माना जाता है, वो भी इनके सामने ज्यादा कुछ नहीं कर सकी।

तालिबान की वैचारिक और स्थानीय ताकत

तालिबान वैचारिक रूप से काफी शक्तिशाली है। उसे स्थानीय लोगों का भी बड़े पैमाने पर समर्थन हासिल है। तालिबान की सफलता स्थानीय शिकायतों को दूर करने की इसकी क्षमता और स्थानीय पश्तून जनजातीय संहिता (पश्तूनवाली) के साथ कट्टरपंथी देवबंदी विचारधारा के मिश्रण से उपजी है। तालिबान ने स्थानीय राजनीतिक और जातीय विभाजनों का फायदा उठाकर अपनी वैधता स्थापित की है और स्थानीय आबादी का समर्थन या अधीनता हासिल की है। तालिबान ने सूचना युद्ध की आधुनिक समझ का प्रदर्शन किया है और सोशल मीडिया का बखूबी इस्तेमाल किया है।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
revolutionaries of Unnao

28 जुलाई: उन्नाव के क्रांतिकारियों का फिरंगियों से आज ही शुरू हुआ था युद्ध

July 28, 2024

गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर दिखी उत्तराखण्ड राज्य की भव्य झांकी

January 26, 2025
दुकान

कैसा ये सरकारी फ़रमान…नाम बताओ दुकान लगाओ!

July 19, 2024
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • ब्रह्मपुत्र नदी पर 77 बिलियन डॉलर का हाइड्रो प्रोजेक्ट तैयार, क्या है भारत का प्लान?
  • राहुल के ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर SIT गठित करने की मांग से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
  • सुबह की ये 4 आदतें लिवर को बनाएगी हेल्दी, आज से ही कर दें शुरू

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.