देहरादून। लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा में उत्तराखंड की तीन संसदीय सीटों पर प्रत्याशियों के नाम को लेकर करीब- करीब सहमति बन गई है। इन सीटों पर मौजूदा सांसदों को ही दोबारा टिकट दिए जाने की उम्मीद है।
दो महत्वपूर्ण सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर पेच फंसा हुआ है। इन दो सीटों पर पार्टी के कई दिग्गजों की दावेदारी के चलते हाईकमान और मंथन चाहता है। सूत्रों के अनुसार, यदि पेच जल्द नहीं सुलझा तो भाजपा एक-दो दिन में पहली लिस्ट में तीन प्रत्याशियों के नाम घोषित कर सकती है।
बाकी दोनों को कुछ समय के लिए होल्ड किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, तीन सीटों पर बेहद कम चर्चा के बाद ही सहमति बन गई जबकि दो सीटों पर बात फंस गई। इन दोनों सीटों पर वर्तमान में पार्टी के बड़े नेता सांसद हैं और जो दावा कर रहे हैं।
उनका सियासी कद भी खासा ऊंचा है। इन सीटों के सामाजिक और जातीय समीकरण पर भी पुराने और नए दावेदार फिट बैठते हैं। ऐसे में भाजपा हाईकमान सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए आकलन कर रहा है।
उत्तराखंड को मुफीद मानती है भाजपा
सियासी बिसात पर भाजपा उत्तराखंड को अपने लिए सबसे मुफीद मानती है। वर्ष 2014 से भाजपा, राज्य की पांचों संसदीय सीटें क्लीन स्वीप के अंदाज में जीतती आ रही है। हालांकि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व बसपा ने उत्तराखंड में अपनी ताकत बढ़ाई लेकिन लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा इस बार भी आत्मविश्वास से लबरेज है।