प्रकाश मेहरा
पहल डेस्क
नई दिल्ली: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और सोलापुर की डीएसपी अंजना कृष्णा के बीच हुई तीखी बहस का एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह मामला 31 अगस्त को सोलापुर जिले के माढा तालुका के कुर्डू गांव में सड़क निर्माण के लिए अवैध मुरुम (बजरी-रोड़ी) खनन की शिकायत से जुड़ा है।
अंजना कृष्णा, 2023 बैच की आईपीएस अधिकारी, कुर्डू गांव में अवैध खनन की शिकायत पर कार्रवाई करने पहुंची थीं। उन्होंने खनन करने वालों से रसीद मांगी, जो नहीं दिखाई गई, इसलिए उन्होंने कार्रवाई शुरू की। मौके पर ग्रामीणों और पुलिस के बीच बहस छिड़ गई। इस दौरान एनसीपी कार्यकर्ता बाबा जगताप ने अजित पवार को फोन लगाया और फोन अंजना को थमा दिया।
अजित पवार की प्रतिक्रिया
वायरल ऑडियो-वीडियो में अजित पवार कथित तौर पर गुस्से में अंजना से कहते हैं, “मैं डिप्टी चीफ मिनिस्टर बोल रहा हूँ, कार्रवाई रोको, इतनी डेयरिंग है तुममें?” और “अपना नंबर दो, वीडियो कॉल करता हूँ।” अंजना ने उन्हें पहचानने से इनकार किया, जिससे बहस और गरमा गई।
अंजना ने नियमों का हवाला देते हुए कार्रवाई रोकने से मना किया और कहा कि वे केवल अपने कर्तव्यों का पालन कर रही हैं। उनकी इस निडरता ने उनकी ईमानदारी को सुर्खियों में ला दिया।
कौन हैं अंजना कृष्णा ?
अंजना कृष्णा वी.एस. केरल के तिरुवनंतपुरम की रहने वाली हैं। उन्होंने 2022-23 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में AIR-355 हासिल किया और 2023 बैच की आईपीएस अधिकारी बनीं। अंजना ने तिरुवनंतपुरम के HHMSPB NSS कॉलेज से BSc गणित में डिग्री ली और मलयालम साहित्य को वैकल्पिक विषय चुनकर UPSC पास किया। अपनी ईमानदारी और तेज-तर्रार अंदाज के लिए जानी जाती हैं।
क्यों है राजनीतिक हंगामा
विपक्ष ने अजित पवार पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने सफाई दी कि “अजित पवार का इरादा कार्रवाई रोकने का नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं को शांत करने का था।” वहीं सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने से अंजना की हिम्मत की तारीफ हो रही है, वहीं अजित पवार की टिप्पणियों की आलोचना भी हो रही है।
यह मामला एक आईपीएस अधिकारी की कर्तव्यनिष्ठा और एक वरिष्ठ राजनेता के कथित दबाव का प्रतीक बन गया है। अंजना कृष्णा की निडरता ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया, जबकि अजित पवार के रवैये ने सियासी विवाद खड़ा कर दिया।
देखिए पूरा मामला क्या है ?