नई दिल्ली: बिहार के निवर्तमान मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ही 28 विपक्षी दलों के इंडी अलांयस के सूत्रधार रहे हैं। 2022 में बीजेपी के साथ नाता तोड़ने के साथ ही उन्होंने इसके लिए विभिन्न दलों को एकजुट करने की कोशिशें शुरू कर दी थीं।
लेकिन, अभी जेडीयू ने ही इंडी अलायंस (INDIA) से नाता तोड़ने का फैसला किया है। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने नीतीश के हृदय परिवर्तन का ठीकरा अबकी बार लालू यादव के आरजेडी से ज्यादा कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी पर फोड़ दिया है।
कांग्रेस में वह कॉकस कौन है?
त्यागी ने कहा है कि कांग्रेस के चुनिंदा नेताओं का एक गुट (कॉकस) विपक्षी गठबंधन इंडिया का नेतृत्व हड़पना चाहता था। उन्होंने कहा है कि पहले यह सर्वसम्मति से फैसला हो चुका था कि बिना पीएम का चेहरा पेश किए गठबंधन काम करेगा।
उनके मुताबिक, ’19 दिसंबर की बैठक में एक साजिश के तहत इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने के लिए खड़गे का नाम सुझाया गया था। इससे पहले मुंबई बैठक में सर्वसम्मति से फैसला हुआ था कि इंडिया गठबंधन किसी का चेहरा सामने रखे बगैर काम करेगा।’
इंडी अलायंस में किसने रची ‘खड़गे’ वाली साजिश?
उन्होंने ममता बनर्जी के बारे में कहा कि बैठक से एक दिन पहले तृणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद कहा था कि इसमें किसी का नाम प्रस्तावित नहीं होगा।
वो बोले, ‘…कांग्रेस के उसी कॉकस ने एक साजिश के तहत ममता बनर्जी के द्वारा उनका नाम (खड़गे) सुझाया गया। जबकि, खड़गे जी ने बाद में खुद ही उसे अस्वीकार कर दिया….’
कांग्रेस ने इंडिया अलायंस को तार-तार कर दिया-जेडीयू
इंडी अलायंस को बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले नीतीश के करीबी नेता ने गठबंधन में बिखराव के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस पर दोष लगाते हुए कहा है कि ‘कांग्रेस पार्टी के गैर-जिम्मेदाराना और अड़ियल रवैए ने इंडिया अलायंस को तार-तार कर दिया है।’
कांग्रेस के ‘लालच और कोलोनियल माइंडसेट’ की खोली पोल!
नीतीश कुमार की पार्टी ने कांग्रेस पर बहुत ही गंभीर आरोप लगाए हैं। त्यागी यहां तक कह चुके हैं कि ‘(राहुल गांधी की)पदयात्रा के बहाने वे पूरे विपक्ष को कांग्रेस के झंडे के नीचे लाना चाहते हैं।’
दरअसल, इंडी अलायंस में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस का जो शुरू से रवैया रहा है, उसने जेडीयू को उससे दूर होने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। एक तरफ पूरा विपक्ष बीजेपी को घेरने की रणनीति पर काम करना चाहता है, लेकिन पूरी कांग्रेस सिर्फ राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की पब्लिसिटी में जुटी है।
जेडीयू नेता की बातों से साफ है कि जमीन पर कांग्रेस की पतली हालत के बावजूद उसके नेताओं ने जो रवैया अपना रखा है, उसने क्षेत्रीय दलों को बहुत ही मायूस करने का काम किया है।
‘जैसे कि हम कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हों’
यह भावना त्यागी के इन बातों से झलकती है, ‘वो ममता बनर्जी को हुक्म दे रहे हैं कि फलाने तारीख को आइए। वो नीतीश कुमार को हुक्म दे रहे हैं कि फलाने तारीख को आइए। वो शरद पवार को हुक्म दे रहे हैं कि फलाने तारीख को शामिल होइए। जैसे कि हम कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता हों। ये भी हमको कबूल नहीं था।’
क्षेत्रीय दलों के नेतृत्व को खत्म करना चाहती है कांग्रेस- जेडीयू
जेडीयू नेता का कहना है कि इंडी अलायंस में शामिल सभी दलों ने किसी न किसी रूप में कांग्रेस की राजनीति के खिलाफ लड़कर ही भारतीय राजनीति में अपनी पहचान बनाई है।
दूसरी तरफ कांग्रेस अपना अस्तित्व बचाने का संकट झेल रही है। पिछले दो चुनावों में उनके इतने सांसद भी नहीं जीते कि नेता प्रतिपक्ष बना पाए। त्यागी ने कहा है, ‘इस वजह से वह इन क्षेत्रीय दलों के नेतृत्व को खत्म करना चाहती है। वे इनके विकास में रोड़ा हैं और सिस्टमेटिक तरीके से टिकट बंटवारे को लंबा खींचने का काम किया.’