अर्जुन सिंह : यदि आप दिल्ली सरकार से मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन बनवाने का इंतजार कर रहे है, तो आपको बता दें कि पिछले लगभग पांच वर्षों से इसके आवेदन बंद है। जिसके चलते दिल्ली में बुजुर्गों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बुजुर्ग ऐसे भी हैं, जिनके देखरेख करने वाले कोरोना में गुजर गए है। वार्ड संख्या 7 से निवर्तमान पार्षद और प्रत्याशी उर्मिला राणा का कहना है कि दिल्ली सरकार गरीबो के लिए बड़े-बड़े दावे तो करती है। लेकिन उनकी करनी और कथनी का अंतर है। दिल्ली में वृद्धावस्था पेंशन के आवेदन पिछले पांच वर्षों से बंद है।
उन्होंने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग से 22 नवंबर को आय एक जवाब का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाया है कि उनकी सरकार कहती है वर्तमान में वृद्धावस्था योजन के अंतर्गत उनके पास रिक्तियाँ उपलब्ध नहीं है। नई रिक्तियों का मामला नीतिगत है। जिनका निर्णय मंत्रीमंडल द्वारा लिया जाना है। जिसकी घोषणा दिल्ली सरकार द्वारा उचित समय पर की जायेगी। जबकि एक आरटीआई के जवाब में समाज कल्याण विभाग की ओर से बताया गया था कि दिल्ली में करीब चार लाख तीस हजार वृद्ध पेंशन दी जा रही है। जबकि पांच लाख तीस हजार पेंशन दी जा सकती है। इसमें एक लाख रिक्तियां आंकड़ों के हिसाब से रिक्त है। उन्होंने कहां अपाहिज और विधवाओं की पेंशन कई महीने से रुक रुक कर दी जा रही है।
दिल्ली में बुजुर्गों को पेंशन न मिलने पर उनको दैनिक खर्च के साथ साथ, राशन, दवाई के लिए अपनो और आसपास में पास हाथ फैलाना पड़ रहा है। जिनका कोई देखभाल करने वाला नहीं है उनको तो और अधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है और कई बुजुर्ग पेंशन के इंतजार में अपना दम तोड गए और ऐसे में दिल्ली सरकार बुजुर्गो को तीर्थ यात्रा करवाने की बात करती है।