Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home विशेष

क्यों भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पोप की झप्पी से परेशान है विपक्ष?

नरेन्द्र मोदी भारत के पांचवें प्रधानमंत्री हैं जो पोप से मिलने वैटिकन सिटी पहुंचे थे. उनसे पहले जवाहरलाल नेहरु (1955), इंदिरा गांधी (1981), इंद्रकुमार गुजराल (1997) और अटल बिहारी वाजपेयी (2000) में तत्कालीन पोप से मिलने वैटिकन सिटी गए थे. यानि वाजपेयी के दौरे के बाद भारत और वैटिकन सिटी के शासकों की मुलाकात 21 वर्ष के बाद हुई है.

pahaltimes by pahaltimes
November 4, 2021
in विशेष
A A
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

इन्हें भी पढ़े

नेताओं को रिश्वतखोरी से बचाने वाला वो कानून, जिसकी समीक्षा कर रहा सुप्रीम कोर्ट

September 22, 2023
मंत्री गणेश जोशी

‘महिला किसान, महिला दैनिक मजदूरों के पलायन’ संगोष्ठी कार्यक्रम में मंत्री गणेश जोशी ने किया प्रतिभाग

September 22, 2023
Sanjay Gandhi-kamalnath

रॉ के पूर्व अधिकारी का बड़ा दावा, कहा- कमलनाथ और संजय गांधी ने भिंडरावाले को भेजे थे पैसे

September 21, 2023
जंतर मंतर पहुंची शिक्षा शव यात्रा

एक देश एक शिक्षा को लेकर जंतर मंतर पहुंची शिक्षा शव यात्रा

September 21, 2023
Load More

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) अपने रोम की यात्रा के दौरान शनिवार को वैटिकन सिटी (Vatican City) गए, जहां दुनिया के सबसे छोटे देश के शासक पोप फ्रांसिस (Pope Francis) से उनकी मुलाकात हुई. उनकी रोम की यात्रा G-20 देश समूह के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए था. G-20 के सामने कई अहम् मुद्दे थे जिनमें से पर्यावरण पर चर्चा सबसे प्रमुख थी. पर चूंकि भारत के रोम-रोम में राजनीति बसी हुई है, G-20 के बैठक में मोदी ने क्या कहा, उनकी विश्व के किन बड़े नेताओं से बात हुई का जिक्र कम हुआ और उनकी पोप से मुलाकात पर ज्यादा चर्चा हुई.
वैटिकन सिटी इटली की राजधानी रोम के अन्दर बसा है. 108.7 एकड़ में बसा शहर, जिसकी जनसंख्या हज़ार से भी कम है, दुनिया का सबसे छोटा देश जरूर है, पर विश्व के ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह सबसे अहम् है. क्योंकि पोप ईसाई धर्म के सबसे बड़े धार्मिक गुरु और नेता होते हैं. चूंकि वैटिकन सिटी को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता प्राप्त है, जब भी किसी देश के नेता रोम जाते हैं तो पोप से भी आमतौर पर मिलते ही हैं, जिसे एक औपचारिकता ही मानी जाती है. मोदी ही नहीं बल्कि कई अन्य और देशों के नेता पोप से मिले, जिनमें से अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल थे. पर चर्चा मोदी की पोप से मुलाकात की ज्यादा हुई क्योंकि भारत के पांच राज्यों में कुछ ही महीनों में विधासभा चुनाव जो होने वाला है.
क्या सच में मोदी-पोप की मुलाकात का असर चुनावों पर पड़ेगा?
ईसाई धर्म दुनिया का सबसे सबसे बड़ा धर्म है. विश्व के 31.2 फीसदी लोग इस धर्म में आस्था रखते हैं. भारत में हिन्दू और मुसलमान के बाद तीसरी सबसे बड़ी आबादी ईसाई धर्म को मानने वालों की ही है. भारत की कुल जनसख्या में से लगभग 2.3 फीसदी लोग ईसाई धर्म में आस्था रखते हैं. जिन पांच राज्यों में अगले वर्ष की तिमाही में चुनाव होने वाले हैं उसमें से दो ऐसे छोटे राज्य हैं जहां ईसाई धर्मं के लोगों की अच्छी खासी आबादी है.
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर के 41.29 प्रतिशत लोग ईसाई धर्म के हैं और 41.39 प्रतिशत हिन्दू हैं. यानि उनकी संख्या लगभग बराबर है. गोवा के 25.10 फीसदी लोग ईसाई हैं, जबकि बाकी के तीन राज्यों में इसकी आबादी काफी कम है – पंजाब में 1.26 प्रतिशत, उत्तराखंड में 0.37 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 0.18 प्रतिशत. इस लिहाज से यह सोचना कि मोदी इन पांच राज्यों के ईसाई मतदाताओं को रिझाने के लिए पोप से मिले, राजनीति के मटमैले चश्मे से देखने जैसा प्रतीत होता है.
जब भारत के हिन्दू समुदाय का एक हिस्सा ही भारतीय जनता पार्टी के लिए वोट करता है, बावजूद इसके की बीजेपी की छवि एक हिन्दू पार्टी की है और मोदी को कभी एक कट्टर हिन्दू नेता के रूप में देखा जाता था, यह सोचना की मोदी-पोप मुलाकात से इन राज्यों के ईसाई मतदात बीजेपी के लिए वोट डालेंगे, बात का बतंगड़ बनाने से कम नहीं है. अगर ऐसा ही होता तो डोनाल्ड ट्रम्प दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति चुन लिए जाते. अमेरिका में मोदी ने ‘अबकी बार ट्रम्प सरकार’ का नारा भी लगाया था और अमेरिकी चुनाव के ठीक पहले ट्रम्प भारत की यात्रा पर आये थे, अहमदाबाद में विश्व के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन भी किया था, पर फिर भी अमेरिका में बसे भारतीय समुदाय के लोगों ने ट्रम्प की जगह जो बाइडेन को ही वोट देना पसंद किया.
22 वर्षों बाद पोप से मिला कोई भारतीय शासक
इसमें कोई शक नहीं कि मोदी-पोप मीटिंग से भारत का ईसाई समुदाय खुश हुआ है. उनके लिए सबसे बड़ी खबर है कि पोप फ्रांसिस से मोदी द्वारा दिए गए भारत आने के न्योते को स्वीकार कर लिया गया है. अभी पोपे के भारत दौरे की तिथि तय नहीं हुई है, पर भारत के ईसाई जो पिछले 22 वर्षों से पोप की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उनकी प्रतीक्षा जल्द ही ख़त्म हो सकती है. अब तक पोप का भारत आना सिर्फ तीन बार ही हुआ है- पहली बार पोप पॉल VI 1964 में भारत की यात्रा पर आए थे और पोप जॉन पॉल II 1986 और 1999 में भारत की यात्रा पर आए थे. 2017 में पोप फ्रांसिस के भारत यात्रा का कार्यक्रम तय हो गया था जो किन्ही कारणों से रद्द हो गया.
मोदी भारत के पांचवें प्रधानमंत्री हैं जो पोप से मिलने वैटिकन सिटी पहुंचे थे. उनसे पहले जवाहरलाल नेहरु (1955), इंदिरा गांधी (1981), इंद्रकुमार गुजराल (1997) और अटल बिहारी वाजपेयी (2000) में तत्कालीन पोप से मिलने वैटिकन सिटी गए थे. यानि वाजपेयी के दौरे के बाद भारत और वैटिकन सिटी के शासकों की मुलाकात 21 वर्ष के बाद हुई है. किसी ने मनमोहन सिंह को अपने 10 वर्ष के शासनकाल में पोप से मिलने से या उन्हें भारत की यात्रा के लिए निमंत्रित करने से रोका तो नहीं था. ऐसा क्यों नहीं हुआ यह कांग्रेस पार्टी ही जाने. अगर मोदी का मकसद पोप से मिल कर भारत के ईसाईयों को लुभाना ही होता तो वह यह काम वह पहले ही कर चुके होते.
बीजेपी को पहले से ही है ईसाई समुदाय का समर्थन
हर कदम का एक सही समय होता है और शायद यह समय भारत के प्रधानमंत्री के वैटिकन सिटी जाने का सबसे उपयुक्त समय था. वैसे भी हमेशा से ही अपने विदेशी दौरों में मोदी अधिकतम देश जाने की चेष्टा करते हैं. फिर जब रोम गए ही थे तो वैटिकन सिटी भी चले गए तो कौन सी बड़ी बात हो गयी? जिस तरह मोदी और पोप ने एक दूसरे को जादू की झप्पी दी, गर्मजोशी से मिले और पोप ने भारत दौरे का न्योता स्वीकार कर लिया, यह भारत के लिए बड़ी बात है. वैसे भी पोप विदेशी दौरे कम ही करते हैं. इसमें अगर किसी को राजनीति दिख रही हो या उनके पेट में दर्द हो रहा हो तो ऐसे नेताओं से भगवान ही भारत को बचाए.
वैसे बताते चलें कि मणिपुर और गोवा में मोदी के बिना वैटिकन सिटी गए ही बीजेपी की सरकार चल रही है. तकलीफ शायद उन्हें है जो दूसरे धर्म के पालकों को अब तक वोट बैंक के रूप में देखते थे और अल्पसंख्यों को बीजेपी के नाम से डराते थे. अब जब भारत के अल्पसंख्यक भी थोड़े प्रतिशत में ही सही, पर मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को वोट देने लगे हैं तो उनकी तकलीफ समझी जा सकती है.

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
conversion

कठोर कानून के बाद भी क्यों नहीं रुक रहा धर्मांतरण?

June 21, 2023

राष्ट्रपति एक वर्ग नहीं पूरे देश का गौरव  हैं

July 25, 2022

झंडेवाला देवी मंदिर में वासंतिक नवरात्र आरंभ

March 22, 2023
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • हिमाचल : CM सुक्‍खू का ऐलान, बिजली कर्मचारियों को जल्‍द मिलेगा पुरानी पेंशन का लाभ
  • नेताओं को रिश्वतखोरी से बचाने वाला वो कानून, जिसकी समीक्षा कर रहा सुप्रीम कोर्ट
  • केजरीवाल सरकार लेकर आ रही लास्ट-माइल कनेक्टिविटी प्लान, जानें कितना किफायती?

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.