रुद्रप्रयाग l भगवान शिव को समर्पित और 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ पवित्र स्थल है। यह मंदिर बर्फ से ढके पहाड़ों के बीच स्थित है। समुद्र तल से 3585 मीटर की ऊंचाई पर स्थित केदारानाथ मंदिर उत्तराखंड में चार धाम और पंच केदार का एक हिस्सा है। हर साल लाखों श्रद्धालु दिल्ली के रास्ते केदारनाथ धाम की यात्रा करते हैं। खूबसूरत मंदाकिनी नदी मंदिर के पास बहती है। बर्फ से ढंकी चोटियां इस जगह के आकर्षण को बढ़ा देती हैं।
आश्चर्य की बात है कि यह मंदिर अप्रैल के अंत और मई के पहले सप्ताह में खुलता है और अक्टूबर के अंत और नवंबर के पहले सप्ताह में बंद हो जाता है। मंदिर के भीतर एक नुकीली सी चट्टान की पूजा भगवान शिव के रूप में की जाती है। अगर आप केदारनाथ जा रहे हैं, तो इसके आसपास और भी खूबसूरत जगहें हैं, जो घूमने के लिए बहुत अच्छी हैं। तो आइए जानते हैं केदारनाथ की यात्रा से जुड़ी कुछ जरूरी बातें और आसपास घूमने वाली जगहों के बारे में।
केदारनाथ की यात्रा 5 रातें 6 दिन की होती है।
पहला दिन – दिल्ली से हरिद्धार (230 किमी) या 6 घंटे – दिल्ली से ट्रेन या फ्लाइट से हरिद्वार जा सकते हैं और फिर होटल में चेकइन कर सकते हैं। गंगा आरती के लिए शाम को हर की पौड़ी जाएं और फिर अपने होटल में डिनर और नाइट स्टे करें।
दूसरे दिन – हरिद्वार से रूद्रप्रयाग (165 किमी) या 6 घंटे -सुबह सीधे जोशीमठ के लिए निकलें। यहां रास्ते में देवप्रयाग और रूद्रप्रयाग के होटल में ठहरें।
तीसरा दिन – रूद्रप्रयाग से केदारनाथ (75 किमी ) 3 घंटे 14 किमी ट्रेक – गौरीकुंड के लिए सुबह पैदल, टट्टू , डोली से आप गौरकुंड के लिए ट्रेक शुरू कर सकते हैं। शाम की आरती के लिए केदारनाथ जाएं और फिर यहीं पर नाइट स्टे करें।
दिन 4 – केदारनाथ से रूद्रप्रयाग – (75 किमी) 3 घंटे – सुबह केदारनाथ जी के दर्शन करें और फिर गौरीकुंड की यात्रा करें। बाद में वापस रूद्रप्रयाग जाएं और होटल में नाइट स्टे करें।
दिन 5- रूद्रप्रयाग से हरिद्वार- 160 किमी 5 घंटे – हरिद्वार के लिए निकलें। रास्ते में ऋषिकेश में दर्शनीय स्थल की यात्रा कर सकते हैं। इसके बाद हरिद्वार पहुंचे और यहीं पर नाइट स्टे करें।
दिन 6- हरिद्वार से दिल्ली 230 किमी 6 घंटे – सुबह आप हरिद्वार के स्थानीय स्थलों की यात्रा कर दिल्ली ऐयरपोर्ट या रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हो सकते हैं।
केदारनाथ के पास घूमने की जगहें
गांधी सरोवर – केदारनाथ और कीर्ति स्तंभ चोटी की तलहटी पर समुद्र तल से 3900 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गांधी सरोवर को चोराबाड़ी ताल के नाम से भी जाना जाता है। यह केदारनाथ मंदिर से 3 किमी के ट्रैकिंग डिस्टेंस पर स्थित है।
सोनप्रयाग – मंदाकिनी और बासुकी दो पवित्र नदियों के संगम पर स्थित सोनप्रयाग केदारनाथ धाम के रास्ते में एक धर्मिक स्थल है। तीर्थयात्री मंदिर की यात्रा शुरू करने से पहले नदी में डुबकी लगाते हैं।
गौरीकुंड मंदिर – केदारनाथ यात्रा के बाद आप गौरीकुंड मंदिर जा सकते हैं। यह मंदिर देवी पार्वती को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि यह वह स्थान है जहां देवी पार्वर्ती ने भगवान शिव का दिल जीतने के लिए तपस्या की थी। गौरीकुंड में गर्म पानी के झरने हैं, जहां तीर्थीयात्री स्नान कर सकते हैं।
वासकुी ताल – केदारनाथ से 5 किमी की दूरी पर स्थित वासुकी ताल समुद्र तल से 4,135 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह झील अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। वासुकी ताल ट्रैक आप चौखंभा चोटी के दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
कैसे जाएं केदारनाथ
दिल्ली से केदारनाथ ट्रेन से – अगर आप ट्रेन से केदारनाथ जाने की सोच रहे हैं, तो ट्रेन की सुविधा सिर्फ हरिद्वार तक है। आपको दिल्ली से हरिद्वार के लिए ट्रेन लेनी होगी। हरिद्वार से सड़क के रास्ते या फिर हेलीकॉप्टर से केदारनाथ जाना होगा।
फ्लाइट से दिल्ली से केदारनाथ – आप फ्लाइट से केदारनाथ जाना चाहते हैं, तो देहरादून में जॉली ग्रेट एयरपोर्ट है। यह केदारनाथ से लगभग 239 किमी दूर है। देहरादून से केदारानाथ जाने के लिए बस और टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध हैँ।
सड़क के रास्ते दिल्ली से केदरानाथ – अगर आप बस से जाना चाहते हैं, तो आपको दिल्ली से हरिद्वार , हरिद्वार से रूद्रप्रयाग और फिर रूद्रप्रयाग से केदारनाथ जाना होगा। अगर आप अपनी कार या बाइक से केदारनाथ जाना चाहते हैं, तो दिल्ली से कोटद्वार और कोटद्वार से रूद्रप्रयाग आना होगा। पौड़ी जिले से होते हुए रूद्रप्रयाग से केदारनाथ पहुंच सकेंगे।