नई दिल्ली l दिल्ली में इस साल होने वाले एमसीडी चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों के पास चुनने के लिए करीब 200 चुनाव चिह्नों का एक दिलचस्प मिश्रण होगा. जिसमें ‘गन्ना किसान’ (शुगर केन फार्मर), ‘नागरिक’ (सिटिजन), नूडल्स बाउल, आइसक्रीम, सब्जियां, किचन के उपकरण समेत डेली यूज के कई आइटम्स शामिल हैं.
दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी किया है कि तीन नगर निगमों के 272 वार्डों के लिए चुनाव अप्रैल में होने हैं. आयोग ने शुक्रवार को अपने ‘दिल्ली नगर निगम चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 2022 में 197 चुनाव चिह्नों की सूची जारी की.
सेब, वॉल हुक और मिक्सी जैसे चिह्न हैं शामिल
निर्दलीय और गैर-मान्यता प्राप्त सियासी पार्टियों के कैंडिडेट्स के लिए ‘फ्री सिंबल्स’ में सेब, अंगूर और अनानास जैसे फल; बिस्कुट, केक, ब्रेड जैसे खाद्य पदार्थ; प्रेशर कुकर, मिक्सी, ब्रेड रोलर जैसे रसोई के सामान और कई अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान के प्रतीक चिह्न शामिल हैं. कुछ अन्य प्रतीक जैसे बिजली का खंभा, गिफ्ट पैक, एक्सटेंशन बोर्ड, वॉल हुक, लिफाफा और दरवाजे के हैंडल को भी चुनाव चिह्नों की सूची में जगह मिली है.
नोमिनेशन के समय प्रत्याशी को देंगे 3 ऑप्शन
आदेश के अनुसार, प्रत्येक निर्दलीय प्रत्याशी (Independent Candidate) अपने नोमिनेशन पेपर में पसंद के तीन चुनाव चिह्नों के बारे में बताना होगा. यदि एक से अधिक कैंडिडेट एक ही चुनाव चिह्न के लिए आते हैं, तो चुनाव के रिटर्निंग अधिकारी चुनाव चिह्न के आवंटन के लिए ड्रॉ का आयोजन करेंगे.
इन पार्टियों आवंटित किए आरक्षित चुनावी चिह्न
अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, बीएसपी, बीजेपी, सीपीआई, सीपीआईएम, कांग्रेस सहित राष्ट्रीय दलों के कैडिंडेट; और मेघालय स्थित नेशनल पीपुल्स पार्टी को आरक्षित चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे. आदेश में कहा गया है कि भारत के चुनाव आयोग द्वारा ‘दिल्ली स्टेट पार्टी’ के रूप में मान्यता प्राप्त आम आदमी पार्टी (आप) को ‘झाड़ू’ चिह्न आवंटित किया गया है.
आयोग ने एक अन्य आदेश में यह भी कहा कि तीन नगर निगमों के वार्ड चुनावों में एक उम्मीदवार द्वारा किए जाने वाले खर्च की अधिकतम सीमा 8 लाख रुपये होगी.
पिछले चुनाव में किसके पास कितनी सीटें?
बता दें कि उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगमों में प्रत्येक में 104 वार्ड हैं. पूर्वी दिल्ली नगर निगम में 64 वार्ड हैं. आधे वार्ड महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं. अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित वार्ड भी हैं. दिल्ली में पिछले एमसीडी चुनावों में, बीजेपी ने एक प्रभावशाली जीत दर्ज की, तीन निगमों में 272 वार्डों में से 181 जीतकर सत्ता में वापसी की. आम आदमी पार्टी ने केवल 49 वार्डों में जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस ने चुनाव में 31 वार्डों में जीत हासिल की. निर्दलीय ने उत्तरी दिल्ली में तीन, दक्षिणी दिल्ली में चार और पूर्वी दिल्ली नगर निगम में एक वार्ड में जीत हासिल की.