प्रकाश मेहरा
नई दिल्ली: राजधानी में लोक आस्था के चार दिवसीय छठ महापर्व के दूसरे दिन व्रतियों ने पवित्रता और शुद्धता के साथ गुड़ की खीर और घी लगी रोटी का प्रसाद लगाया। इसके बाद खरना का प्रसाद ग्रहण किया। इसी के साथ व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया। सोमवार सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत संपन्न होगा।
पर्व के दूसरे दिन पूर्वांचली महिलाएं सिर पर सूप, माथे पर लंबा सिंदूर लगाए पूजा करने के बाद प्रसाद वनाती नजर आईं। इस महापर्व पर रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। सोमवार को उगते भगवान भाष्कर को अर्घ्य देकर पारन की विधि की जाएगी।
दिल्ली के मयूर विहार में रहने वाली प्रियंका झा ने बताया कि उन्होंने दिनभर व्रत रखकर शाम को सूर्य को जल चढ़ाकर खीर का प्रसाद ग्रहण किया। गुड़ और चावल की खीर बनाई थी। लोगों ने खीर के प्रसाद को सगे संबंधियों में भी बांटा। इसके साथ ही शाम को सूर्य को जल अर्पित कर ठेकुआ बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई
नरेला की जनहित पूर्वांचल सोसाइटी ने भी प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई। समिति के पदाधिकारी विनीत कुमार ने बताया कि वर्ष 2002 से लेकर 2022 तक राज्य सरकार की ओर से मिल रही सुविधाओं में कटौती कर दी गई है।
फल और गन्नों की बिक्री सबसे अधिक
छठ पर्व को देखते हुए दिल्ली के सभी बाजार खरीदारों से गुलजार नजर आए। करोल बाग से लेकर मयूर विहार, नेहरू नगर जैसे बाजारों में फलों की मांग काफी बढ गई है। इसके अलावा बाजारों में गन्नों की खरीदारी सबसे ज्यादा हुई है।