Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

भगदड़ के कारण मौतों का केंद्र बन रहा है भारत

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
May 22, 2023
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
murder
17
SHARES
565
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

वैज्ञानिकों ने सन 1900 के बाद से अब तक भगदड़ या भीड़भाड़ के कारण हुई घटनाओं का एक डेटाबेस तैयार किया है. वे उम्मीद कर रहे हैं कि इस डेटाबेस के आधार पर दुनियाभर में भीड़भाड़ के कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए समुचित उपाय उठाए जा सकेंगे.

इस डेटाबेस में 1900 से 2019 के बीच हुईं 281 उन घटनाओं को शामिल किया गया है जिनमें या तो कम से कम एक व्यक्ति की मौत हुई या दस से ज्यादा लोग घायल हुए. आंकड़े दिखाते हैं कि भारत और पश्चिमी अफ्रीका भगदड़ की दुर्घटनाओं के सबसे बड़े केंद्र बनते जा रहे हैं. पिछले तीन दशक में इस तरह की घटनाएं घातक होने की संभावना लगातार बढ़ी है. अन्य खतरनाक इलाकों में दक्षिण-पूर्व एशिया और मध्य-पूर्व हैं.

इन्हें भी पढ़े

Sheikh Hasina

शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, बोली- आतंकी हमला US ने रचा, PAK ने अंजाम दिया

November 2, 2025
amit shah

अमित शाह ने बताया- भारत में क्यों नहीं हो सकता Gen-Z प्रदर्शन!

November 2, 2025
Gold

तीन महीने में भारतीयों ने कितना सोना खरीदा? ये आंकड़े चौंका देंगे

November 2, 2025
adi kailash

22KM कम हो जाएगी आदि कैलाश की यात्रा, 1600 करोड़ होंगे खर्च

November 1, 2025
Load More

शोधकर्ता कहते हैं कि पिछले बीस साल में भीड़ के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है. 1990 से 1999 के बीच हर साल औसतन तीन ऐसी घटनाएं होती थीं जो 2010 से 2019 के बीच बढ़कर 12 प्रतिवर्ष हो गईं.

जापान की टोक्यो यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर क्लाउडियो फेलिचियानी और ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी के डॉ. मिलाद हागानी का यह शोध सेफ्टी साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है. वे कहते हैं कि सुरक्षा उपायों को मजबूत करने के लिए ऐसा डेटाबेस होना और उसका विश्लेषण करना जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके.

जहां गरीबी, वहां ज्यादा हादसे

डॉ. हागानी ने कहा, “पिछले 20 साल ही में भगदड़ आदि की घटनाओं में 8,000 से ज्यादा लोगों की जान गई है और 15,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. समय के साथ-साथ खेलों की घटनाओं के दौरान दुर्घटनाएं कम हुई हैं और धार्मिक आयोजनों में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं. हमारे पास ऐसे पुख्ता संकेत हैं कि बीते 30 साल में खेल आयोजनों के दौरान अपनाए गए अतिरिक्त सुरक्षा उपायों ने सुरक्षा को मजबूत किया है.”

इस्राएल के धार्मिक उत्सव में भगदड़, दर्जनों लोगों की मौत

शोध के मुताबिक देशों की आय के स्तर और दुर्घटनाओं में सीधा संबंध दिखाई दिया है. शोधकर्ता कहते हैं कि कम या मध्यम आय वाले देशों में दुर्घटनाएं ज्यादा हुई हैं. डॉ. हागानी ने बताया, “भारत और कुछ कम हद तक पश्चिमी अफ्रीका भीड़ वाले हादसों के केंद्र नजर आते हैं. ये तेजी से विकसित हो रहे इलाके हैं और इनकी आबादी भी बढ़ रही है. गांवों से शहरों की ओर पलायन को संभालने के लिए ढांचागत सुविधाएं तैयार नहीं हैं.”

डॉ. हागानी ने कहा कि उत्तर भारत खासतौर पर अत्याधिक घनी आबादी वाला इलाका है जहां धार्मिक परंपराओं का बहुत प्रभाव है और लोग कुछ समय के लिए छोटी जगहों पर बड़ी संख्या में जमा होते हैं. यह शोध दिखाता है कि 1970 के दशक में भगदड़ के कारण जितने भी हादसे हुए, उनमें से लगभग सभी खेल आयोजनों के दौरान हुए. लेकिन 1973 में कथित ‘ग्रीन गाइड’ के प्रकाशन की शुरुआत के बाद से इन हादसों में कमी आनी शुरू हो गई. यह मार्गदर्शिका खेल आयोजनों के लिए सुरक्षा प्रबंधन के बारे में दिशा-निर्देश, डिजाइन और योजना के बारे में जानकारियां प्रकाशित करती है.

अपने शोध में शोधकर्ता लिखते हैं, “यूके में भीड़ के कारण हादसे आम हुआ करते थे. हम उम्मीद करते हैं कि यूके में सीखे गए सबक वैश्विक स्तर पर अपनाये जा सकेंगे. हालांकि हम जानते हैं कि बहुत से देशों के पास ऐसे सुधारों के लिए समुचित धन नहीं है.”

धार्मिक आयोजनों के खतरे

हालांकि खेल आयोजनों में हादसों की संख्या कम हो रही है, शोधकर्ता कहते हैं कि धार्मिक आयोजन अब ज्यादा खतरनाक होते जा रहे हैं. एसोसिएट प्रोफेसर फेलिचियानी ने एक लेख में बताया कि खेल आयोजनों जैसे सुरक्षा उपायों को धार्मिक आयोजनों में अपनाना आसान नहीं है क्योंकि वहां कोई टिकट नहीं होती और लोगों की संख्या भी तय नहीं होती, जिस कारण भीड़-प्रबंधन बेहद मुश्किल हो जाता है.

साल 2000 से 2019 के बीच दुनिया में जितने भी ऐसे हादसे हुए, उनमें से लगभग 70 प्रतिशत भारत में हुए और धार्मिक आयोजनों से संबंधित थे. इनमें से बहुत सी दुर्घटनाएं नदी या पानी के अन्य स्रोत के किनारे हुईं. बड़ी संख्या में पुलों, नदी के किनारों और बस या ट्रेन स्टेशनों आदि पर हुए हैं.

डॉ. फेलिचियानी कहते हैं, “मेरे ख्याल भारत के आंकड़े देखकर समस्या वित्तीय संसाधनों की नजर आती है. उन्हें पता है कि घातक हादसे हो रहे हैं और उन्हें पता है कि कुछ किया जाना चाहिए लेकिन शायद उनके पास वैसे संसाधन या तकनीक उपलब्ध नहीं है, जैसी धनी देशों के पास है.”

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
bjp-aap

आप पार्टी से होगी आठ राज्यों में भाजपा आंधी?

October 14, 2022
PM Modi

PM धन-धान्य कृषि योजना के लिए 24 हजार करोड़ और ग्रीन एनर्जी पर 27 हजार करोड़ खर्च करेगी सरकार!

July 16, 2025

गौ दर्शन, सद्गुरु देव एवं माता-पिता की सेवा से जीवन का होता है कल्याण : बाबा रामदेव

June 6, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • विवादों के बीच ‘द ताज स्टोरी’ ने बॉक्स ऑफिस पर कर दिया बड़ा खेल
  • मल्लिकार्जुन खरगे को अमित शाह का जवाब, गिनाया RSS का योगदान
  • दिल्ली सरकार का तोहफा, महिलाओं के लिए ‘पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड’ की शुरुआत

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.