शिमला : हिमाचल प्रदेश की मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत के मुश्किलों में पड़ती नजर आ रही हैं. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने बीजेपी सांसद कंगना रनौत को मंडी लोकसभा सीट से उनके चुनाव को रद्द करने की याचिका पर नोटिस जारी किया. याचिकाकर्ता लायक राम नेगी ने आरोप लगाया कि मंडी से चुनाव लड़ने के लिए उनके नामांकन पत्र को रिटर्निंग अधिकारी ने गलत तरीके से खारिज कर दिया.
पूर्व सरकारी कर्मचारी और किन्नौर के निवासी नेगी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि उन्हें सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मिल गई है और उन्होंने अपने नामांकन के साथ विभाग से “कोई बकाया नहीं प्रमाण पत्र” प्रस्तुत किया है. नेगी ने आरोप लगाया कि उनका नामांकन एक दिन में ही खारिज कर दिया गया जब उनसे बिजली, पानी और टेलीफोन विभागों से “कोई बकाया नहीं प्रमाणपत्र” मांगा गया. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, नेगी ने कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर ने उनके कागजात स्वीकार नहीं किए और इसलिए उनका नामांकन भी खारिज कर दिया.
क्या है पूरा मामला?
पूर्व सरकारी कर्मचारी और किन्नौर के निवासी लायक राम नेगी ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया था. नेगी ने कहा कि उन्होंने 14 मई को अपना चुनाव पत्र दाखिल किया और 15 मई को अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज जमा किए. हालांकि, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, रिटर्निंग अधिकारी ने उन्हें स्वीकार नहीं किया. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस ज्योत्सना रेवाल ने नोटिस जारी करते हुए रानौत को 21 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
नेगी ने कहा कि अगर उनके कागजात स्वीकार कर लिए गए होते और चुनाव को रद्द करने के लिए कहा गया होता तो वह चुनाव जीत सकते थे. कंगना रनौत ने मंडी लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह के खिलाफ 74,755 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी, जिन्हें 4,62,267 वोट मिले थे, जबकि रनौत को 5,37,002 वोट मिले थे.