प्रकाश मेहरा
अयोध्या। बॉलीवुड के सुपरस्टार अमिताभ बच्चन अब ‘सरयू’ में रहेंगे ! अवध, यानी अयोध्या के आस-पास रहने वाले लोग यह सुनकर हैरान हो रहे होंगे। सरयू वह पवित्र नदी है, जिसके किनारे धार्मिक नगरी अयोध्या बसी है। तो फिर अमिताभ सरयू में कैसे रहेंगे ? दरअसल, मुंबई के एक मशहूर बिल्डर ने अयोध्या के पास नई कॉलोनी का प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसका नाम सरयू रखा है। चर्चा है, इसी कॉलोनी में अमिताभ ने प्लॉट खरीदा है। कहा चर्चा है, दस हजार वर्ग फीट का यह प्लॉट करीब 14.5 करोड़ रुपये में खरीदा गया है, यानी भाव बना 14.5 हजार रुपये प्रति वर्ग फीट। ध्यान रहे, यह जमीन का भाव है। खबर है कि इसी प्रोजेक्ट में 1,250 वर्ग फीट का फ्लैट 1.98 करोड़ रुपये और 2,000 वर्ग फीट का फ्लैट 3.17 करोड़ रुपये में बेचने की योजना है। अब भाव बनता है 15,840 रुपये प्रति वर्ग फीट।
यह सिर्फ इसी प्रोजेक्ट की कहानी नहीं है, शहर में और इसके आस-पास जमीन के भाव अचानक से आसमान छूने लगे हैं। फैजाबाद और अयोध्या में जमीन- जायदाद के सौदे करने वाले व्यापारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पहले तक जिस जमीन का कोई ज पहुंच से भाव नहीं था, वह भी आज बाहर हो रही है। मिसाल के तौर पर, शहर से बाहर की जमीन 2,000 रुपये बिस्वा या 40,000 रुपये बीघा तक मिल जाती थी। मगर अदालती फैसले के बाद वही जमीनें दो से पांच हजार रुपये प्रति वर्ग फीट के भाव पर पहुंच चुकी हैं। एक बीघा में 20 बिस्वा, यानी 27,000 वर्ग फीट होते हैं।
जमीन का यह भाव तो बानगी है। अयोध्या की समृद्धि का सफर तो अब शुरू होने वाला है, खासकर आज के प्राण-प्रतिष्ठा संबंधी आयोजन के वाद। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदरावाद, अहमदावाद और पुणे जैसे कई शहरों से तो अयोध्या के लिए उड़ान सेवा शुरूहो चुकी है, जल्द ही ऐसे और एलान सामने आ सकते हैं। अभी अयोध्या के हवाई अड्डे पर सालाना 10 लाख यात्रियों के आने-जाने का इंतजाम संभव है, लेकिन जब यह पूरी तरह तैयार होगा, तो इसकी क्षमता हर महीने 15 लाख यात्रियों की हो जाएगी।
उधर देश के कोने-कोने से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 200 से ज्यादा आस्था स्पेशल ट्रेनें शुरू हो रही हैं। 240 करोड़ रुपये खर्च करके रेलवे ने अयोध्या रेलवे स्टेशन का कायाकल्प कर दिया है। उत्तर प्रदेश में सड़कों का जाल बिछने के साथ ही अयोध्या चार लेन वाली सड़क से भी जुड़ चुका है और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से भी यहां पहुंचना काफी आसान हो चुका है। दूरदराज से आने वालों का सिलसिला तो नया है, पर आसपास के कई जिलों के लोग सदियों से अयोध्या की पांच कोसी, चौदह कोसी और चौरासी कोसी परिक्रमा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में आते रहे हैं। अब सरकार ने इन सभी परिक्रमा मार्गों को चार लेन वाली सड़क बना दिया है। परिक्रमा के समय के अलावा भी अब ये सड़कें इन इलाकों के लिए नई जीवन-रेखा का काम करेंगी।
भारत के अलावा पूर्वी एशिया के तमाम देशों की संस्कृति में राम और राम-कथा का व्यापक प्रभाव है। उन सबके लिए भी अब अयोध्या वैसी जगह बनने जा रही है, जैसे बुद्ध सर्किट के तीर्थस्थल रहे हैं। मगर देश-विदेश से यहां आने वालों में सिर्फ तीर्थयात्री व श्रद्धालु नहीं, बल्कि बहुत से विदेशी पर्यटक भी शामिल होंगे। खासकर मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से काफी बुकिंग आ रही हैं, जहां भारत वंशियों की तादाद ज्यादा है। जाहिर है, अब इनके आने भर का ही नहीं, इनके रहने, खाने- पीने, दर्शन करने, घूमने-फिरने और मनोरंजन के लिए ‘भी अच्छा इंतजाम जरूरी होगा।
होटल कारोबारियों को समझ में आ रहा है कि यहां बड़ा कारोबार होने वाला है। रैडिसन का एक होटल तो चालू भी हो गया है। ताज समूह भी दो होटलों पर काम शुरूकर रहा है, और ओबरॉय, लेमन ट्री जैसी घरेलू चेन के अलावा अनेक विदेशी चेन भी यहां जमीन लेने के लिए सरकार से बातचीत में लगी हैं। अनुमान है, जल्द ही यहां हर रोज तीन लाख लोग पहुंचने लगेगे। ऐसे में, न सिर्फ अयोध्या, बल्कि आसपास के पूरे इलाके की किस्मत चमकने का इंतजाम सामने दिख रहा है।