नई दिल्ली। चुनावी रणभेरी बजने से पहले ही बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नियमों में कई बड़े बदलाव की घोषणा कर दी गई है। अब न सिर्फ बूथ पर मोबाइल ले जाने की अनुमति मिलेगी, बल्कि वोटिंग की प्रक्रिया और ट्रांसपेरेंसी में भी कई अहम सुधार किए गए हैं ताकि वोटर्स का अनुभव बेहतर हो सके।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) ने रविवार को पटना में इन नए उपायों की रूपरेखा पेश की। आयोग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मतदान न सिर्फ सुचारू हो, बल्कि इसमें किसी तरह का भ्रम न रहे, खासकर तब जब राज्य में 22 नवंबर, 2025 से पहले चुनाव होने हैं।
मतदाताओं की सुविधा और ट्रांसपेरेंसी पर जोर
CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया कि आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को मतदाता-अनुकूल बनाने और ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने पर खास जोर दिया है। उन्होंने घोषणा की कि अब हर मतदान केंद्र पर 1,200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे, जिससे भीड़ कम होगी और वोटिंग आसान होगी।
साथ ही अब बूथ लेवल के अधिकारियों (BLOs) को पहचान पत्र जारी किए गए हैं, ताकि उनकी पहचान आसानी से हो सके। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब मतदाता अपना मोबाइल फोन बूथ के बाहर एक सुरक्षित कमरे में जमा करा सकेंगे, जिससे उन्हें अपने फोन घर पर छोड़ने की चिंता नहीं रहेगी। ट्रांसपेरेंस के लिए हर मतदान केंद्र पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग भी की जाएगी, जिससे आयोग हर गतिविधि पर नजर रख सकेगा।
मतपत्र और मतगणना में भी हुए अहम बदलाव
मतपत्रों को लेकर भी एक बड़ा फैसला लिया गया है: अब मतपत्रों (EVM पर) पर उम्मीदवारों की तस्वीरें रंगीन होंगी, जिससे पहचान में आसानी होगी। इसके अलावा, सीरियल नंबर का फ़ॉन्ट भी बड़ा किया जाएगा। मतगणना प्रक्रिया को भी दुरुस्त किया गया है।
अब EVM मतगणना के अंतिम दो राउंड से पहले डाक मतपत्रों की गिनती अनिवार्य होगी। साथ ही फॉर्म 17C और EVM मतगणना यूनिट में विसंगति पाए जाने पर, अब केवल प्रभावित VVPAT की ही पूरी गिनती की जाएगी। इन उपायों का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि बिहार चुनाव पूरे देश के लिए एक उदाहरण बने।
बिहार चुनाव में लागू होने वाले प्रमुख नए नियम
- मतदाताओं की संख्या सीमित: अब किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से ज़्यादा मतदाता नहीं होंगे।
- मोबाइल जमा करने की सुविधा: मतदाता अपना मोबाइल फोन बूथ के बाहर एक सुरक्षित कमरे में जमा करा सकेंगे।
- शत-प्रतिशत वेबकास्टिंग: हर मतदान केंद्र पर 100% वेबकास्टिंग की जाएगी।
- मतपत्र में सुधार: उम्मीदवारों की तस्वीरें रंगीन होंगी और सीरियल नंबर का फ़ॉन्ट बड़ा किया जाएगा।
- BLO को पहचान पत्र: बूथ स्तर के अधिकारियों (BLOs) को बेहतर पहचान के लिए पहचान पत्र जारी किए जाएंगे।
- डाक मतपत्रों की प्राथमिकता: EVM मतगणना के अंतिम दो राउंड से पहले डाक मतपत्रों की गिनती अनिवार्य होगी।
- VVPAT काउंटिंग में बदलाव: अब केवल उसी ‘प्रभावित’ VVPAT की पर्चियों को गिना जाएगा जहाँ यह विसंगति हुई है, न कि सभी VVPAT की।
- डिजिटल इंडेक्स कार्ड: चुनाव के बाद कुल मतदाता और लिंग अनुपात की जानकारी वाले डिजिटल इंडेक्स कार्ड (ECI-NET के माध्यम से) जारी किए जाएंगे।