Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राजनीति

लालू के सहारे बंगाल फतह की तैयारी, बीजेपी ने चला बिहार वाला दांव

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
December 15, 2025
in राजनीति, राष्ट्रीय
A A
BJP
22
SHARES
744
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

नई दिल्ली: बिहार विजय के बाद बीजेपी अब बंगाल फतह पर निकल पड़ी है. लेकिन स्‍ट्रेटजी वही है. पश्चिम बंगाल बीजेपी ने सोशल मीडिया पर जो ताजा पोस्टर जारी किया है, वह महज एक ग्राफिक नहीं, बल्कि एक सोची-समझी आक्रामक रणनीति का आगाज है. इस पोस्टर में एक तरफ बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का आधा चेहरा है, तो दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का. ऊपर मोटे अक्षरों में लिखा है’ BOTH ARE SAME यानी दोनों एक हैं.

बीजेपी ने इस एक तस्वीर के जरिए बंगाल के मतदाताओं के मन में उस डर को बिठाने की कोशिश की है, जिसे 90 के दशक में बिहार ने भोगा था. वह डर है- जंगलराज का. बिहार में बीजेपी ने लालू यादव के शासनकाल को जंगलराज का नाम देकर सत्ता परिवर्तन की पटकथा लिखी थी. अब ठीक उसी फॉर्मूले, उसी नैरेटिव और उसी डर को बंगाल की जमीन पर उतारने की तैयारी है. संदेश साफ है क‍ि अगर आप ममता बनर्जी को वोट दे रहे हैं, तो आप दरअसल बंगाल को उसी अराजकता की ओर धकेल रहे हैं, जिससे बिहार बड़ी मुश्किल से बाहर निकल पाया है.

इन्हें भी पढ़े

goa india

भारत की वो पांच जगहें, जहां पहुंच नहीं पाती है ठंड!

December 15, 2025
CIA's secret mission on Nanda Devi

नंदा देवी पर क्या था सीआईए का सीक्रेट मिशन, जिसमें खो गया परमाणु डिवाइस

December 15, 2025
Nitin Naveen

बीजेपी ने आखिर क्यों चुना राष्ट्रीय ‘कार्यकारी’ अध्यक्ष?

December 15, 2025
Nitin Naveen

 कौन हैं भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन, कभी नहीं हारा चुनाव

December 14, 2025
Load More

जंगलराज का नैरेटिव और आरजेडी की दुर्गत‍ि

इस पोस्टर के मर्म को समझने के लिए हमें थोड़ा पीछे मुड़कर बिहार की राजनीति को देखना होगा. बिहार चुनावों में, और उसके बाद भी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह तक, हर बड़े नेता ने अपनी रैलियों में जंगलराज शब्द का बार-बार इस्तेमाल किया. अपहरण, रंगदारी, हत्या और भ्रष्टाचार की कहान‍िया सुनाईं. बीजेपी ने बिहार में जनता को भरोसा दिलाया कि आरजेडी की वापसी का मतलब है क‍ि लालटेन युग और गुंडाराज की वापसी. तेजस्‍वी यादव लाख कहते रहे क‍ि हम क‍िसी अपराधी को बख्‍शेंगे नहीं, लेकिन बीजेपी का प्रचार इतना आक्रामक था क‍ि जनता के मन में बैठ गया और नतीजा, आरजेडी की दुर्गत‍ि हो गई.

ममता दीदी नहीं ‘ह‍िटलर’

अब बंगाल में बीजेपी का आईटी सेल और रणनीतिकार इसी बिहार मॉडल को लागू कर रहे हैं. ममता बनर्जी के 15 साल के शासनकाल को बीजेपी ठीक उसी चश्मे से पेश कर रही है. पोस्टर के साथ बीजेपी बता रही क‍ि हम बंगाली ममता के 15 साल के कार्यकाल को हमेशा जंगलराज के युग के रूप में याद रखेंगे. यह दिखाता है कि बीजेपी अब ममता बनर्जी की छवि को दीदी से बदलकर एक ह‍िटलर के रूप में स्थापित करना चाहती है, जिसके राज में कानून का इकबाल खत्म हो चुका है. सोमवार को बीजेपी ने उन्‍हें खुलेआम ह‍िटलर कहकर भी बुलाया.

बीजेपी का आरोप पत्र: लालू और ममता राज में समानताएं

बीजेपी लालू का चेहरा आगे रखकर ममता और लालू राज की समानता ग‍िना रही है. साथ में ये भी बता रही क‍ि अब पाप का घड़ा भर चुका है. बंगाल की जनता अब ममता सरकार को और बर्दाश्त नहीं क‍रने वाली.

सिंडिकेट राज और कटमनी कल्चर : लालू यादव के दौर में बिहार में बाहुबलियों का बोलबाला था. शहाबुद्दीन जैसे लोग सत्ता के संरक्षण में पलते थे. बीजेपी का आरोप है कि बंगाल में टीएमसी ने इसे सिंडिकेट राज और कटमनी कल्चर में बदल दिया है. चुनाव बाद हुई हिंसा, विरोधियों की हत्याएं और बमबाजी की घटनाएं बंगाल की राजनीति का चरित्र बन गई हैं. जिस तरह बिहार में मतदान केंद्रों पर कब्जा होता था, बीजेपी का दावा है कि बंगाल के पंचायत चुनावों में उसी तरह मतपेटियां लूटी गईं और विरोधियों को नामांकन तक नहीं करने दिया गया.

पुलिस और प्रशासन का राजनीतिकरण: ‘जंगलराज’ की एक प्रमुख निशानी यह होती है कि पुलिस कानून की रक्षक न होकर सत्ताधारी पार्टी की कार्यकर्ता बन जाती है. बिहार में पुलिस थानों का इस्तेमाल विरोधियों को कुचलने के लिए होता था. बंगाल में भी बीजेपी लगातार यह मुद्दा उठाती रही है कि पुलिस कमिश्नर धरने पर बैठते हैं और आईपीएस अधिकारी सत्ता के इशारे पर काम करते हैं. संदेशखाली जैसी घटनाओं में पुलिस की निष्क्रियता को बीजेपी ‘लालू राज’ की पुनरावृत्ति बता रही है.

भ्रष्टाचार का खुला खेल: लालू यादव का नाम ‘चारा घोटाले’ से जुड़ा, जो उस समय का सबसे बड़ा प्रतीक बना. बंगाल में ‘शिक्षक भर्ती घोटाला’, ‘राशन घोटाला’, ‘शारदा’ और ‘नारदा’ जैसे मामलों ने ममता सरकार की साख पर बट्टा लगाया है. पार्थ चटर्जी के घर से नोटों के पहाड़ मिलना और फिर अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी… ये दृश्य बिहार के चारा घोटाले की यादों को ताजा करते हैं. बीजेपी इसी को आधार बनाकर कह रही है कि दोनों एक हैं.

परिवारवाद और उत्तराधिकार: लालू यादव ने अपने बाद अपनी पत्नी राबड़ी देवी और फिर बेटे तेजस्वी को सत्ता सौंपी. बीजेपी, ममता बनर्जी पर भी अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को आगे बढ़ाने और पार्टी पर पारिवारिक नियंत्रण रखने का आरोप लगाती है. यह ‘परिवारवाद’ का मुद्दा बीजेपी के कोर एजेंडे में फिट बैठता है, जिसे वह लोकतंत्र के लिए खतरा बताती है.

तुष्टिकरण की राजनीति: बिहार में ‘एम-वाई’ (मुस्लिम-यादव) समीकरण लालू की ताकत था. बीजेपी का आरोप है कि ममता बनर्जी ने बंगाल में भी एक विशेष वर्ग के तुष्टिकरण को अपनी सत्ता का आधार बनाया है, जिसके कारण बहुसंख्यक समाज असुरक्षित महसूस कर रहा है और राज्य की डेमोग्राफी बदल रही है.

‘पाप का घड़ा’ और जनता का मूड

पोस्टर के साथ बीजेपी कह रही क‍ि लालू और ममता राज में बिहार और बंगाल को ऐसे मोड़ पर ला खड़ा किया जहां पाप का घड़ा भर चुका है. यह सिर्फ प्रचार नहीं है. राजनीति में एंटी-इनकंबेंसी तब पैदा होती है जब जनता को लगने लगता है कि अब पानी सिर से ऊपर जा चुका है. संदेशखाली की घटनाएं, जहां महिलाओं के साथ हुए अत्याचार की खबरें सामने आईं, उसने बंगाल की छवि को गहरा धक्का दिया है. बीजेपी इसे ही ‘पाप का घड़ा’ भरना बता रही है.

जब ईडी और सीबीआई की टीमों पर भीड़ हमले करती है जैसा कि संदेशखाली और अन्य जगहों पर देखा गया, तो यह राज्य में कानून के शासन के पतन का स्पष्ट संकेत होता है. यह अराजकता की वह स्थिति है जहां राज्य की मशीनरी या तो लाचार है या मिली हुई है. बीजेपी जनता को यह समझाना चाहती है कि यह सामान्य राजनीतिक माहौल नहीं है, बल्कि यह वही दौर है जिससे बिहार को मुक्ति मिली थी. अब बंगाल को भी उसी ‘मुक्ति’ की जरूरत है.

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल

ये पूरा घटनाक्रम संदिग्ध

August 17, 2022
हेमा मालिनी

सांसद हेमा मालिनी के सहयोग से शास्त्रीय नृत्य सिखाने हेतु कार्यशाला का आयोजन

April 24, 2025
Alien UFO Report

अंतरिक्ष से आने वाले Aliens को लेकर बड़ा खुलासा, दुनिया रह गई हैरान

December 18, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • क्या रात में पपीता खा सकते हैं? जानें इसके फायदे-नुकसान
  • राम मंदिर से 3 किलोमीटर दूर बनेगा भव्य पार्क, युवा पीढ़ी को सिखाएगा रामायण
  • ऑस्ट्रेलिया के पीएम पर क्यों भड़के नेतन्याहू?

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.