नई दिल्ली : दिल्ली में आज का दिन कोर्ट से लेकर विधानसभा तक अरविंद केजरीवाल सरकार के लिए दोहरी परीक्षा वाला रहा, लेकिन दोनों ही जगह उन्हें राहत मिली है। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने आज एक बार फिर विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। दिल्ली विधानसभा ने विश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित किया। सदन में विश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग के दौरान ‘आप’ सरकार के पक्ष में 54 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में महज एक वोट पड़ा। बता दें कि, 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में ‘आप’ के 62 विधायक और विपक्षी दल भाजपा के महज 8 विधायक हैं।
केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर आज स्पीकर द्वारा चर्चा और वोटिंग कराई गई, जिसमें ‘आप’ ने बहुमत साबित कर दिया। सीएम केजरीवाल ने कहा कि सदन में हमारे पास बहुमत है, लेकिन इस विश्वास प्रस्ताव की जरूरत थी क्योंकि बीजेपी ‘आप’ विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रही थी। शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि दो विधायक मेरे पास यह कहते हुए आए थे कि भाजपा सदस्यों ने उनसे संपर्क किया है और उन्हें 25-25 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। उन्हें बताया गया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और सरकार गिरा दी जाएगी। दिल्ली आबकारी नीति मामले के फर्जी होने का दावा करते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा, आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को गिराना चाहती है।
इससे पहले शनि्वार सुबह दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में घिरे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के 5 समन को नजरअंदाज करने से जुड़ी शिकायत के संबंध में आज राउज एवेन्यू कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हुए। कोर्ट द्वारा सुनवाई में वर्चुअली जुड़ने का कारण पूछने पर अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र और विश्वास मत का हवाला देकर आज प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश होने में असमर्थता जताई और अगली तारीख देने की अपील की।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर अगली तारीख पर मिलती है तो खुद पेशी पर आएंगे। इस पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई के लिए 16 मार्च की तारीख तय की है। बता दें कि, ईडी ने शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को कई बार समन जारी किए थे, लेकिन वह पेश नहीं हुए जिसके बाद ईडी ने अदालत में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। अदालत ने 7 फरवरी को अपनी सुनवाई के दौरान केजरीवाल को 17 फरवरी के लिए तलब किया था और कहा था कि प्रथम दृष्टया ‘आप’ प्रमुख इसका अनुपालन करने के लिए ‘कानूनी रूप से बाध्य’ हैं।