नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल के कोलकाता सहित विभिन्न जिलो के बच्चों में तेजी से एडिनो वायरस फैल रहा है, जिससे निपटने के लिए राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और सभी जिलों के स्वास्थ्य के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को तैयारियों का जायजा लेने और उपकरणों व बुनियादी ढांचे की जांच करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
पश्चिम बंगाल ने एडिनो वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि की सूचना दी है, जिससे राज्य के स्वास्थय विभाग की चिंता बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले 2 महीनों में इस वायरस से संक्रमित होकर 11 बच्चों की मौत हो गई है। भले ही राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने आज तक एडिनो वायरस से संक्रमित बच्चों की संख्या और न ही मरने वाले बच्चों की संख्या पर कोई डेटा जारी नहीं किया है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया जा रहा है कि कम से कम 32% सैंपल जांच के लिए कोलकाता के राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (ICMR-NICED) भेजे गए हैं। इसके साथ ही स्वास्थय विभाग जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए कुछ सैंपल भेजने की योजना बना रहा है।
ICMR -NICED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राज्य भर के मेडिकल कॉलेजों और सभी जिलों के स्वास्थ्य के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को तैयारियों की जांच करने, ऑक्सीजन आपूर्ति व बाल चिकित्सा वेंटिलेटर सहित अन्य उपकरणों और बुनियादी ढांचे का जायजा लेने का निर्देश दिया गया है।
सर्दी-खांसी होने पर बच्चों को न भेजें स्कूल
पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने एडिनो वायरस के बढ़ते खतरों को देखते हुए दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सर्दी-खांसी होने पर बच्चों को स्कूल न भेजे। यदि 3-5 दिनों तक बुखार आता है और सांस लेने में दिक्कत आती है तो तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करें।
एडिनो वायरस के क्या हैं लक्षण?
डॉक्टरों का कहना है कि आमतौर पर सर्दी-खांसी, गले के साथ पेट खराब होना, उल्टी होना और सांस लेने में दिक्कत आना इस वायरस के लक्षण हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इस वायरस के चपेट में बच्चों के साथ बुजुर्ग भी आ सकते हैं। इसलिए बच्चों के साथ ही बुजुर्गों को भी सर्तक रहने के लिए कहा गया है।
एडिनो वायरस से बचाव के लिए मास्क पहनना अनिवार्य
एडिनो वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर निताई चंद्र मंडल ने कहा कि इस बिमारी से बचने का एकमात्र उपाय मास्क पहनना है। अभी एडिनो वायरस से संक्रमितों की पहचान के लिए कोई विशेष जांच नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक टीम गठित की जाएगी, जो सभी अस्पतालों में जाकर निरीक्षण करेगी।