Upgrade
पहल टाइम्स
Advertisement
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home विश्व

आखिर क्यों NATO से इतना चिढ़ता है रूस, फिर समझ आ जाएगी यूक्रेन के युद्ध की कहानी

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
February 25, 2022
in विश्व
A A
Biden-Putin
0
SHARES
0
VIEWS
Share on WhatsappShare on Facebook

यूक्रेन और रूस के विवाद और युद्ध में एक नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है और वो है NATO. नाटो रूस की ओर से किए गए हमले का सीधा विरोध कर रहा है. रूस के इस कदम से इतना नाराज है कि वो यूक्रेन के समर्थन में रूस पर हमला करने के लिए भी तैयार है. नाटो ने कहा है कि हमारे पास अपने हवाई क्षेत्र की रक्षा के लिए 100 से अधिक जेट और उत्तर से भूमध्य सागर तक समुद्र में 120 से अधिक जहाज हैं. गठबंधन (यूक्रेन) को आक्रामकता (रूस) से बचाने के लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे. वहीं, रूस भी नाटों के खिलाफ है और माना जाता है कि इस युद्ध के कारणों में नाटो भी सबसे अहम है.

कहा जाता है कि रूस नाटो को पंसद नहीं करता है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्यों है. नाटो और रूस के बीच किस बात को लेकर विवाद है और क्यों रूस चाहता है कि यूक्रेन भी नाटो में शामिल ना हो. ऐसे में जानते हैं नाटो और रूस के विवाद से जुड़ी हर एक बात…

इन्हें भी पढ़े

PM Modi and vladimir Putin

भारत ने रूस से की ये मांग, क्या मान जाएंगे पुतिन?

May 5, 2022
PM Modi reached Denmark

डेनमार्क पहुंचे पीएम मोदी, डेनिश प्रधानमंत्री से मिले, जारी किया साझा बयान

May 3, 2022
Ilyushin IL-80

रूसी आकाश में नजर आया महाविनाश का प्‍लेन, परमाणु युद्ध में पुतिन की बचा सकता है जान

May 3, 2022
Caliber missiles

रूस ने किया पनडुब्बी से हमला, कैलिबर मिसाइल से यूक्रेन सैन्य अड्डों पर मचाई तबाही

April 30, 2022
Load More

क्या है नाटो?
रूस और नाटो के बीच विवाद के बारे में जानने से पहले आपको बताते हैं कि आखिर नाटो क्या है. नाटो कुछ देशों का एक इंटरगवर्नेंट मिलिट्री संगठन है. इसका मकसद साझा सुरक्षा नीति पर काम करना है. जैसे मान लीजिए अगर किसी नाटो देश पर कोई दूसरा देश हमला करता है तो पूरे नाटो के देश प्रभावित देश के साथ खड़े हो जाते हैं और उसकी मदद करते हैं. इसका पूरा नाम नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) है.

दूसरे विश्व युद्ध के बाद दुनिया दो खेमों में बंट गई थी और उस वक्त दो सुपर पावर थे, जिसमें अमेरिका और सोवियत संघ शामिल था. उस वक्त सोवियत संघ के अलावा दूसरे खेमे ने अपनी अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए प्रयास शुरू किया था और उसके साथ ही उन देसों ने सोवियत संघ और अन्य देशों से खुद को सुरक्षित करने के लिए ये संगठन बनाया था ताकि वे एक साथ होकर खुद की रक्षा कर सकें.

क्यों नाटो का विरोध करता है रूस?
रूस और नाटो के बीच विवाद कुछ नया नहीं है. यह विवाद काफी पहले शुरू हो गया था. दरअसल, जब दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब नाटो बनाया गया तो उस वक्त वेस्ट के देश नाटो से जुड़े थे, लेकिन यह धीरे-धीरे ईस्ट की तरह बढ़ रहा है, जो रूस को रास नहीं आ रहा है. हाल ही में साल 2017 से 2020 के बीच में भी दो देश नाटो में शामिल हुए हैं. इसमें कुछ ईस्ट के देश भी नाटो में जा रहे हैं. वहीं, विवाद की वजह ये भी है कि क्योंकि यह सोवियंत संघ के खिलाफ बनाया गया था और रूस सोवियत संघ का ही हिस्सा था.

साथ ही यूक्रेन के मामले में रूस का मुद्दा और डर ये है कि अगर यूक्रेन नाटो में शामिल हो जाता है तो नाटो की सेना रूस के बॉर्डर तक पहुंच जाएगी और रूस, यूक्रेन से काफी बड़ा बॉर्डर साझा करता है. यहां यूक्रेन की जमीन पर नाटो की फोर्स भी होगी. वहीं, अगर रूस के करीब नाटो की फोर्स पहुंच जाती है तो रूस के लिए मुश्किल हो सकती है. क्योंकि, रूस का मानना है कि नाटो में जितने देश शामिल होंगे, उतना ही अमेरिका पावरफुल हो जाएगा, जिस वजह से विवाद हो रहा है.

दरअसल, दूसरे विश्व युद्ध के पास दो प्रमुख देशों के गुट थे, जिसमें यूएस और सोवियत संघ थे. लेकिन, अब नाटो के जरिए अब यह ईस्ट की तरह आगे बढ़ रहा है और सोवियत संघ पहले ही 15 देशों में विभाजित होने से कमजोर हो गया है और इनमें भी कुछ देश नाटो में शामिल हो गए हैं. ऐसे में रूस चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल ना हो और उसके बॉर्डर तक नाटो की सेना ना आ सके. इस वजह से रूस की ओर से नाटो का विरोध किया जा रहा है.

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
अमेरिका में धार्मिक भेदभाव

अपने गिरेबान में झाकें भारत को मुस्लिम विरोधी बताने वाले अमेरिका, ये आंकड़े खोलेंगे पोल

April 27, 2022

जमुई का करमटिया इलाका बना सोने का इकलौता स्वर्ण भंडार

December 7, 2021
air pollution

भारत में वायु प्रदूषण पर हुए रिसर्च में चौंकाने वाला हुआ खुलासा

April 9, 2022
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • शहीदों की कुर्बानियों को बेच निकल रही तनख्वाह
  • मुंडका अग्निकांड की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाए जांचः बिधूड़ी
  • कार खाई में गिरी 3 की मौत

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.