दिल्ली : दिल्ली में इस समय कड़कड़ाती ठंड पड़ रही है, लेकिन राजधानी में नए मेयर के चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में गरी बढ़ गई है. दिल्ली नगर निगम (MCD) के मेयर चुनाव को लेकर शुक्रवार 6 जनवरी को सदन में खूब हंगामा हुआ. इस दौरान बीजेपी (BJP) और आम आदमी पार्टी (AAP) के नवनिर्वाचित पार्षदों ने एक दूसरे पर खूब कुर्सियां और लात घूसे चलाए. जिसके बाद दिल्ली बीजेपी आलाकमान एमसीडी हाउस (MCD) में धरना देने का एलान किया है.
दिल्ली बीजेपी ईकाई के मुताबिक, दिल्ली बीजेपी के वर्किंग प्रेसिडेंट वीरेन्द्र सचदेवा, नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी के साथ पार्षदों के सभी सांसद और विधायकों के अलावा पार्टी के दूसरे सीनियर नेताओं के साथ धरने पर एमसीडी हाउस में आम आदमी पार्टी की कथित गुंडागर्दी के विरोध में धरने पर बैठेंगे. यह धरना शनिवार सुबह 11 बजे से राजघाट से शुरु होगा.
मनोनीत पार्षदों के पहले शपथ को लेकर शुरु हुआ हंगामा
उपराज्यपाल वीके सक्सेना के नियुक्त 10 ‘एल्डरमैन’ (मनोनीत पार्षद) को पहले शपथ दिलाने को लेकर आप और बीजेपी पार्षदों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई. जिसके कारण एमसीडी की पहली बैठक शुक्रवार (6 जनवरी) को मेयर और उप महापौर के इलेक्शन के बिना ही स्थगित करनी पड़ी. सदन में आप और और बीजेपी के पार्षदों ने एक-दूसरे के साथ धक्का मुक्की करते हुए कुर्सियों से हमला कर दिया. बीजेपी के सीनियर नेताओं के मुताबिक, सदन में हुई धक्का मुक्की के दौरान उनके सात पार्षदों को चोट आई है, जिनकी आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिकल कराई गई है.
सीएम केजरीवाल ने उपराज्यपाल पर लगाया अनदेखी का आरोप
आप के नेताओं ने आरोप लगाया है कि 10 ‘एल्डरमैन’ की नियुक्ति में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अनदेखी की है. मुख्यमंत्री अऱविंद केजरीवाल ने एलजी वी के सक्सेना के दस मनोनीत पार्षदों को लेकर कहा है कि चुनी हुई सरकार को ही ये नाम तय करने का अधिकार है, लेकिन उसे उपराज्यपाल ने खुद ही चुन लिया,जो कि नियमों का उल्लघंन है. सीएम केजरीवाल ने यह दलील दी है कि सीनियर पार्षदों को ही प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है, जो चुने हुए पार्षदों को पहले शपथ दिलाता है और फिर मेयर के चुनाव के लिए वोटिंग करवाता है.