नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के चेयरमैन बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पॉक्सो (POCSO) केस में दिल्ली पुलिस के पास कोई ठोस सबूत नहीं है. सूत्रों के मुताबिक वह गिरफ्तारी से इसी वजह से बच रहे हैं. दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों का दावा है कि चाहे कजाकिस्तान हो या रांची जहां छेड़खानी के आरोप लगाए हैं, वहां कोई सबूत नहीं मिले हैं. पुलिस जांच कर रही है लेकिन अभी तक कोई फोटो, सीसीटीवी, विटनेस ऐसा नही मिला है.
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस बहुत जल्द अपनी जांच पूरी करेगी. जांच में यह तय हो जाएगा कि अगले 15 दिन में पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी या फिर फाइन रिपोर्ट दायर करेगी. अगर दिल्ली पुलिस चार्जशीट तैयार करती है तो मतलब साफ है कि केस में कुछ जान है. फाइनल रिपोर्ट यानी एफआर का मतलब कि केस में कुछ नही मिला है इस केस को बंद कवर दिया जाना चाहिए ये जांच के बाद तय हो जाएगा.
दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आरोप लगाने वाली महिला पहलवान नाबालिग है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है. जो भी डेवलेपमेंट होगा, कोर्ट में पुलिस बयान देगी. दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगर जांच में आएगा कि डॉक्युमेंट्स के साथ छेड़खानी की गई है, गलत उम्र बताई गई है तो फेडरेशन इस केस में एक्शन ले सकता है. फेडरेशन की ओर से दस्तावेज वेरिफाई किए जा रहे हैं.
क्यों नहीं हुई है बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी?
सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड (AOR) विशाल अरुण मिश्र कहते हैं कि पॉक्सो केस में भी कुछ जजमेंट है. जो केस रजिस्टर्ड हैं उसमें 7 साल तक की सजा हो सकती है. सात साल तक कि सजा वाले केस में अगर कुछ सबूत मिलते भी है तो जजमेंट है कि गिरफ्तारी की तुरन्त जरूरत नहीं है.
अभी खिलाड़ियों के बयान नहीं दर्ज कराएगी पुलिस
नई संसद के उद्घाटन वाले दिन भड़के हंगामे पर दिल्ली पुलिस अभी खिलाड़ियों के बयान दर्ज नहीं कराने वाली है. जंतर मंतर पर संसद के उदघाटन के दिन धारा 144 का खिलाड़ियों ने उल्लंघन किया था. पुलिस केस की पड़ताल कर रही है.