नई दिल्ली: अगर आप एंड्रॉइड यूज़र हैं तो आपके लिए एक अहम खबर है. भारत सरकार की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम ने एंड्रॉयड में ‘हाई’ सिक्योरिटी रिस्क के बारे में चेतावनी जारी की है. टीम इस बात पर जोर देते हुए बताया है कि इससे हैकर को संवेदनशील जानकारी हासिल करने और यूज़र्स के फोन पर मनमाना कोड फिट करने की अनुमति देने की क्षमता मिल जाती है.
मालूम चला है कि ये खामियां एंड्रॉयड वर्जन 11, 12, 13 और 14 में पाई जाती हैं. इसका मतलब यह है कि भले ही आपके पास लेटेस्ट एंड्रॉयड वर्जन इस्तेमाल करते हों, लेकिन आप इन जोखिमों से मुक्त नहीं हैं.
सीईआरटी-इन (CERT-In) का कहना है कि फ्रेमवर्क, सिस्टम, आर्म कंपोनेन्ट और मीडियाटेक कंपोनेन्ट, UniSoc कंपोनेन्ट, क्वालकॉम कंपोनेन्ट और क्वालकॉम क्लोज-सोर्स कंपोनेन्ट के अंदर कई खामियां मौजूद हैं.
कैसे सेफ रखें डिवाइस?
अपने डिवाइस को सेफ रखने के लिए, आपको इन सभी समस्याओं के समाधान के लिए एंड्रॉयड ‘2024-02-05 या उसके बाद के सिक्योरिटी पैच लेवल’ की आवश्यकता होगी. इसलिए, जब आपके डिवाइस का OEM अपडेट जारी करता है, तो बस लेटेस्ट उपलब्ध अपडेट डाउनलोड कर लें.
एडिशनल सेफ्टी भी जरूरी
इसके अलावा ये भी कहा गया है कि सेफ रहने के लिए अडिशनल सिक्योरिटी की सलाह दी जाती है, इसके लिए आपको फोन में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन एक्टिवेट कर लेना चाहिए. साथ ही कठीन पासकोड का इस्तेमाल करें, ताकि फोन सिक्योर रहे.
सूत्रों के मुताबिक पुलिस को कुछ इनपुट मुखबिरों से मिले हैं कि उपद्रव के दिन कुछ लोग बनभूलपुरा के बाहरी इलाके में रेलवे लाइन के आसपास की झुग्गियों से भी उपद्रवियों के झुंड के बीच में देखे गए थे, जहां पर रोहिंग्या मुस्लिम आबादी रहती है. जिसके बाद पुलिस चौकन्ना हो गई है.