नई दिल्ली: हिंदू धर्म के 33 कोटि देवी-देवता में गणपति ही एक मात्र ऐसे भगवान हैं जिनकी पूजा सबसे पहले होती है. ऋद्धि-सिऋि के दाता कहलाने वाले भगवान गणेश जी की पूजा आप कभी भी किसी समय कर सकते हैं, लेकिन भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि पर उनकी पूजा विशेष फलदायी हो जाती है क्योंकि मान्यता है कि इसी दिन उनका जन्म हुआ था. यही कारण है कि गणपति के भक्त इस दिन उनकी मूर्ति को घर पर लाकर पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं. यदि आप भी गणपति बिठाने जा रहे हैं तो आपको श्री गणेश जी की पूजा विधि और उससे जुड़ी सभी जरूरी नियम जरूर पता होने चाहिए.
घर में गणपति लाने से पहले करें ये तैयारी
- यदि आप अपने घर में गणपति बिठाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने घर में उनके लिए उचित स्थान बनाकर उसे साफ कर लेना चाहिए.
- बाजार से गणपति की मूर्ति को हमेशा किसी कपड़े से ढंक कर लाएं और इस बात का ख्याल रखें कि वह कहीं से भी खंडित न हो और नही अधूरी बनी हुई हो.
- गणपति की मूर्ति खरीदते समय रंगों का विशेष ख्याल रखें. हमेशा लाल, पीले और हरे रंग वाली मूर्ति का चयन करें.
- बाजार से गणपति की मूर्ति जब खरीद कर घर ले जाएं तो उसे भीतर ले जाने से पहले नारियल फोड़कर उनका स्वागत करें.
गणपति खरीदने से पहले जरूर जान लें मूर्ति के रंग, आकार और बनावट से जुड़े जरूरी नियम
- गणपति जमीन पर भूलकर भी न रखें, उन्हें एक एक चौकी अथवा मेज आदि पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें.
- गणपति को जिस चौकी पर रखना हो उस पर बिछाए कपड़े पर रोली से स्वास्तिक बना दें.
- वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में हमेशा ईशान कोण में गणपति को कुछ इस तरह बिठाना चाहिए कि उनका चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रहे.
- घर में हमेशा पर्यावरण के अनुकूल शुद्ध मिट्टी से बना गणपति ही लाएं. यदि संभव हो तो आप स्वयं भी गणपति की मूर्ति मिट्टी, गोबर, शहद आदि की मदद से बना सकती हैं.
घर में गणपति कैसे बिठाएं?
- घर में गणपति को बिठाने से पहले स्वयं स्नान-ध्यान करके पहले पवित्र हो जाएं. इसके बाद पूजा स्थान पर सभी पूजा सामग्री एक साथ रख लें, ताकि पूजा करते समय आपको कोई दिक्कत न हो.
- गणपति की पूजा में सबसे पहले एक कलश में गंगाजल या शुद्ध जल भर कर चावल की ढेरी पर स्थापित करें. कलश के भीतर
- एक सिक्का जरूर डालें और उसमें आम्रपल्लव लगाकर भगवान गणेश जी के दाहिनी ओर रखें.
- इसके बाद एक दीप जलाकर श्रद्धा और विश्वास के साथ गणपति का आवाहन करें.
- इसके बाद गणपति का ढंका हुआ चेहरा खोल दें और उन्हें गंगाजल से स्नान कराएं और उनका रोली-चंदन से तिलक करें.
- इसी प्रकार गणपति के दोनों ओर दो सुपारी को ऋद्धि-सिद्धि का प्रतीक मानते हुए रखें और उनको भी तिलक अर्पित करें.
- भगवान श्री गणेश जी की पुष्प, दूर्वा, मौसमी फल, मोदक, लड्डू, पान, सुपारी, इलायची, अर्पित करके उनके मंत्र ‘ॐ गं गणपतये नमः’ का मन में जप करें.
- गणपति की विधि-विधान से पूजा करने के बाद गणपति सहस्त्रनाम या फिर गणेश चालीसा का पाठ करें.
- पूजा के अंत में श्री गणेश जी की आरती करें तथा सभी को प्रसाद बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें.
घर में कितने दिनों तक रखें गणपति?
हिंदू मान्यता के अनुसार गणपति का महोत्स पूरे 11 दिनों तक मनाया जाता है. अमूमन लोग उनकी 10 दिनों तक विधि-विधान से पूजा, जप आरती आदि के माध्यम से साधना करने के बाद ग्यारहवें दिन उनका जल तीर्थ पर विसर्जन कर देते हैं. यदि आप किसी कारणवश 10 दिनों तक उनकी सेवा न कर पाएं तो आप डेढ़ दिन, पांच दिन, सात दिन भी अपने घर में रखकर उनकी पूजा का पुण्यफल प्राप्त कर सकते हैं. आप अपने सामर्थ्य के अनुसार उनकी सेवा करने के बाद पूरे विधि-विधान से उनको जल में विसर्जित करें तथा अपने सुख-समृद्धि की कामना करें.