भोपाल,04 अगस्त (आरएनएस)। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के बाद भाजपा में अंंदरुनी खींचतान सामने आने लगी है। दमोह के बाद डिंडौरी जिला पंचायत अध्यक्ष का मामला सामने आया है। चुनाव हारने वाली प्रत्याशी ज्योति धुर्वे ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा से की शिकायत में केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते सहित 13 पदाधिकारियों को अपनी हार के लिए जिम्मेदार ठहराया है। अपने समर्थकों के साथ शर्मा से मिलने भोपाल आई ज्योति धुर्वे ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस के पांच-पांच सदस्य जीते हैँ। इनमें से छह सदस्य उनके साथ थे। कांग्रेस के दो सदस्य समर्थन देने का वादा कर चुके थे। इस तरह भाजपा का अध्यक्ष निर्विरोध निर्वाथ्चत होना तय था, पर कुलस्ते ने नईदिल्ली में जाकर जिस तरह की पांच दिन खतिरदारी की, उसके समर्थन से अध्यक्ष पद का दूसरा दावेदार खड़ा हो गया और अध्यक्ष पद पर कांग्रेस के खाते में चला गया। इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का कहना है कि भाजपा में कहीं भी कोई स्थिति नहीं है। कहीं किसी में मनमुटाव नहीं है। शिकायतों के बाद भाजपा का डिंडौरी का जिला संगठन सक्रिय हो गया। भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंह राजपूत ने कहा कि जिला संगठन और उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में जी-जान से मेहनत की। भाजपा समर्थित पांच जिला पंचायत सदस्य और एक निर्दलीय उनके पाले में थे। पांच सदस्यों के वोट भाजपा प्रत्याशी को मिले हैं।
उन्होंने बताया कि प्रत्याशी के संबंध में जब भोपाल में चर्चा हो रही थी, तब केन्द्रीय मंत्री के समख भी यह बात सामने आई थी एक निर्दलीय सदस्य का मत मिलने पर संशय है। डिंडौरी का मामला दूसरा है, जो प्रदेश भाजपा कार्यालय तक पहुंचा है। इससे पहले दमोह जिला पंचायत के अध्यक्ष का चुनाव हारने वाले पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष शिवचरण पटैल ने पूर्व मंत्री जयंत मलैया, पूर्व विधायक लखन पटेल और मंत्री गोपाल भागर््व पर पार्टी प्रत्याशी का समर्थन नहीं करने का आरोप लगाया था। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटैल ने प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात करने की बात कही थी। इसके अलावा हरदा से भी विरोध के स्वर मुखर हुए हैं। मंत्री कमल पटेल की चचेरी बहन रेवा पटेल कांग्रेस से जनपद अध्यक्ष बन गई हैं। जिले की तीनों जनपद सीट भाजपा हार गई। इस पर जातिगत राजनीति के आरोप लगे और मंत्री के खिलाफ स्थानीय पदाधिकारियों ने मार्चो खोल लिया।
अनिल पुरोहित/अशफाक