भोपाल,26 जून (आरएनएस)। जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के मंत्रिमण्डल के सदस्य आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा की कार्यशैली के चलते प्रदेश में शराब घर पहुंच सेवा का रूप ले रही है यही नहीं भोपाल से सटे रायसेन जिले के औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप में जहां हजारों श्रमिक कार्य करते हैं और शासन का यह नियम है कि जिन दिन वेतन बंटे उस दिन शराब की दुकानें बंद हों लेकिन इसके बावजूद भी मंडीदीप में आबकारी अधिकारी, आबकारी मंत्री के चहेते रायसेन जिले के आबकारी अधिकारी की बदौलत 24 घंटे लोगों को शराब उपलब्ध हो रही है यही नहीं सरकारी दुकानें जो अपने निर्धारित समय से खुलती हैं उन दुकानों के खुलने के पहले और बंद होने के बाद से रात्रिभर शराब उस सरकारी आबकारी ठेके के गुर्गे खुलेआम बेच रहे हैं यही नहीं मंडीदीप में खुलेआम अवैध शराब का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है लेकिन आबकारी मंत्री या फिर उनके निजी स्टाफ जिनकी धर्मपत्नी के हाथों से बना लजीज भोजन आबकारी मंत्रीजी खाते ही आबकारी मंत्री प्रफुल्लित हो जाते हैं यह बात है कि निजी सचिव की पत्नी के द्वारा बनाया गया यह भोजन गर्म खाते हैं या ठंडा यह तो उनके निवास में कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी ही बता सकते हैं, लेकिन इसी अधिकारी की बदौलत राज्य में आबकारी अधिकारी जो नियमों को ताक में रखकर अवैध शराब के कारोबार को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं जब उक्त अधिकारी के चहेते रायसेन जिला आबकारी अधिकारी से इस संबंध में लोग शिकायत करते हैं तो वह एक ही बात कहते हैं कि आपसे यह जानकारी मिली है आप हमें सूची उपलब्ध करा दें कि कहां-कहां अवैध शराब बिकती है ताकि हम कुछ कार्यवाही कर सकें उनके इस तरह के यह कथन से यह साफ हो जाता है कि रायसेन जिले के आबकारी अधिकारी मंडीदीप में ही नहीं बल्कि रायसेन जिले में अवैध शराब के कारोबारियों के साथ किस तरह की कार्यशैली अपना रहे हैं, वैसे भी कोरोना काल में मंडीदीप और औबेदुल्लागंज में बिकने वाली अवैध शराब राजधानी में भी खूब बिकी थी,
इससे यह साफ जाहिर हो जाता है कि राजधानी और रायसेन में सरकारी शराब के ठेकेदार अलग थे और रायसेन व मंडीदीप के ठेकेदार इस तरह से शराब राजधानी में पहुंचाकर राजधानी का माहौल खराब करने में लगे हुए थे इन सब स्थितियों को देखते हुए और नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा द्वारा ग्वालियर के हजीरा वार्ड से जिन राजपूत नामक व्यक्ति को पार्षद का टिकट देकर चुनावी समर में उतारा है उनपर यह आरोप है कि उनके यहां से अवैध शराब का जखीरा पकड़ा गया था यही नहीं उनके भतीजे पर प्रकरण भी दर्ज हुआ था। ऐसे एक नहीं अनेकों उदाहरण हैं मिल जाएंगे जिनमें भाजपा द्वारा शराब माफियाआ ही नहीं बल्कि अपराधियों को भी नगरीय निकाय चुनाव में प्राथमिकता देकर चुनावी मैदान में उतारा है, इससे यह साफ जाहिर हो जाता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी भाजपा अब ऐसे अपराधियों व माफियाओं को चुनावी समर में उतारने में प्राथमिकता देगी, हालांकि इस तरह के लोगों को चुनावी समर में उतारने की वजह से भाजपा के देव दुर्लभ और निष्ठावान कार्यकर्ताओं में असंतोष व्याप्त है यह असंतोष क्या रंग लायेगा? यह तो चुनावी परिणाम बतायेंगे फिलहाल तो राज्य में आबकारी मंत्री के द्वारा शराब डिस्टलरियों और शराब ठेकेदारों के चहेते अधिकारियों के द्वारा मंडीदीप जैसे औद्योगिक क्षेत्र में जिस प्रकार की कार्यशैली अपनाई जा रही है उससे यह साफ जाहिर है कि इस प्रदेश में जहां युवाओं, छात्र-छात्राओं को तो नशे का आदी बनाया जा रहा है बल्कि अब इस इस तरह की नीति से औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को भी नशे का आदी बनाकर इस प्रदेश को पंजाब बनाने की स्थिति में आबकारी मंत्री अपनी रणनीति चला रहे हैं।
अनिल पुरोहित/अशफाक