भोपाल,25 जून (आरएनएस)। मध्यप्रदेश के सभी शासकीय कार्यालयों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगै। यह प्रीपेड मोबाइल की तरह ही होगा। उपभोक्ता उतनी ही यूनिट बिजली का उपभोग कर पायेंगे, जितने का रीचार्ज करायेंगे। यह लगातार अपडेट करता रहेगा कि कितनी बिजली की खपत कर रहे हैं। महीने का बिल तैयार करने के लिए विभगा की मीटर की रीडिंग नहीं लेनी पड़ेगी। बिल उपभोताओं के ई-मेल या वाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा। ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव को पत्र लिखकर कहा कि भारत सरकार द्वारा 26 मई 2022 के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के द्वारा विद्युत मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विद्युत अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (मीटर का अधिष्ठापन और प्रचालन) संशोधन 2019 के प्रावधानों के अनुसार में मौजूदा मीटरों की पूर्व भुगतान करने प्री पेड स्मार्ट मीटरों से बदलने की समय सीमा निर्धारित की गई है। इस अधिसूचना के अनुसार दिसम्बर 2023 तक पूर्ण भुगतान (प्री पेड) स्मार्ट मीटरों से मीटरीकृत किया जाना है।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण एवं विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति के उद्देश्य से रिवेम्पड़ डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) जारी की गई है। योजना अंतर्गत स्मार्ट मीटरों की स्थापना तथा वितरण कंपनियों की हानियों में कभी वितरण प्रणाली सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण के कार्य किए जाने हैं। इस हेतु केन्द्र सरकार द्वारा 15 फीसदी तथा साठ फीसदी अनुदान प्रदान किया जा रहा है। योजनान्तर्गत केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित पूर्व आर्हताओं में यह प्रावधान भी है कि सभी सरकारी कार्यालयों, स्थानीय निकायों, संबंधी कार्यालयों, स्वशासी संस्थाओं में प्रतिबद्धता के अनुसार प्री पेड स्मार्ट मीटर स्थापित किए जाएं। स्वीकृत शर्तों की पूर्ति नहीं होने पर केन्द्र सरकार द्वारा अनुदान राशि को ऋण में परिवर्तन कर दिया जाएगा। इससे वितरण कंपनियों के अधोसंरचना, उन्नयन इत्यादि के कार्य प्रभावित होंगे। साथ ही वाणिज्यिक साध्यता भी प्रभावित होगी। अत: यह आवश्यक है कि वितरण कंपनियों द्वारा सभी शासकीय कार्यालयों स्थानीय निकायों, संबंधित कार्यालयों स्वशासी संस्थाओं में निर्धारित समय-सीमा अंतर्गत दिसम्बर 2023 तक मौजूदा मीटरों की पूर्व भुगतान वाले स्मार्ट मीटरों में बदला जाए। इसके लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था करने को भी कहा गया है।