दिल्ली विश्वविद्यालय के बीए पॉलिटिकल साइंस के पाठ्यक्रम में कई तरह के बदलाव किए गए हैं. विश्वविद्यालय ने पांचवें सेमेस्टर में हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर पर एक चैप्टर को शामिल किया गया है. वहीं, महात्मा से जुड़े अध्याय को सातवें समेस्टर में स्थानांतरित कर दिया गया है. ऐसा पहली बार है जब दिल्ली विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में वीडी सावरकर से जुड़े चैप्टर को शामिल किया गया है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में बदलाव करने के लिए अकादमिक परिषद (AC) की बैठक हुई. इस बैठक में इन दो बड़े बदलावों को मंजूरी दी गई. बैठक के सदस्य आलोक रंजन ने बताया कि पहले सावरकर पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं थे, जबकि महात्मा गांधी को पांचवें सेमेस्टर में पढ़ाया जाता था.
उन्होंने कहा, नए बदलाव के बाद सावरकर को पांचवें सेमेस्टर में, अंबेडकर को छठे सेसेस्टर और महात्मा गांधी से जुड़े चैप्टर को सातवें में सेमेस्टर में शामिल कर लिया गया है. रंजन ने आगे कहा कि सावरकर को शामिल किए जाने से उन्हें कोई आपत्ति नहीं लेकिन, उन्हें महात्मा गांधी से चैप्टर से पहले नहीं पढ़ाया जाना चाहिए.
मुहम्मद इकबाल को भी हटाया गया
इससे पहले शनिवार को खबर आई थी कि बीए पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस से कवि मुहम्मद इकबाल को भी हटा दिया गया है. मुहम्मद इकबाल को हटाए जाने के लोकर डीयू के वाइस चांसलर योगेश सिंह ने कहा है कि जिन्होंने भारत को तोड़ने की नींव रखी थी, पाठ्यक्रम में उसके लिए कोई जगह नहीं है.
बैठक के दौरान कई सदस्यों ने इकबाल को पाठ्यक्रम से हटाए जाने पर असहमति भी व्यक्त की थी. सदस्यों का कहना था कि इकबाल ने अपनी कविता ‘सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा’ के जरिए भारत में अपना अतुलनीय योगदान दिया है. बता दें कि इकबाल को लेकर कहा जाता है कि इन्होंने ही पाकिस्तान बनाने का आइडिया दिया था.
इकबाल को हटाते वक्त कई सदस्यों ने किया विरोध
बैठक के दौरान इकबाल को हटाने का फैसला सर्वसम्मति से नहीं लिया गया. कई सदस्यों ने इस फैसले पर आपत्ति जताई थी. बैठक में वीसी सिंह ने डॉ बीआर अंबेडकर के बारे में और अधिक पढ़ाने पर जोर दिया और संकाय सदस्यों से अंबेडकर के अधिक से अधिक विचारों को डिजाइन करने के लिए भी कहा.