नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार फ़िलहाल दिल्ली सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल और उनके तमाम मंत्रियों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रहे हैं, लेकिन अब दिल्ली में भ्रष्टाचार का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने ख़ुद नरेश कुमार का नाम सुर्ख़ियों में ला दिया है, साथ में घेरे में है नरेश कुमार के बेटे करन चौहान.
मामला 19 एकड़ की ज़मीन के हिस्से से जुड़ा हुआ है. आरोप है कि मुआवज़ा बढ़ाए जाने के संबंध में पिछले तीन जिलाधिकारियों ने मुआवज़ा बढ़ाने से इनकार कर दिया, लेकिन नरेश कुमार के मुख्य सचिव बनने के 40 दिन के बाद हेमंत कुमार साउथ वेस्ट ज़िले के DM बने. उन्होंने इसी जमीन की मुआवजा राशि 41.50 करोड़ से बढ़ाकर 353 करोड़ रुपये करने के आदेश कर दिए.
क्या है मामला?
दक्षिण पश्चिम दिल्ली के द्वारका इलाके में द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण की जानी थी. साल 2018 में दक्षिण पश्चिम दिल्ली के बमनोली गांव में 19 एकड़ के भूखंड का अधिग्रहण करने के लिए 41.50 करोड़ मुआवजा तय हुआ.
साल 2018 में मुआवजे की रकम कुल 41.52 करोड़ रुपए तय हुई, लेकिन मई 2023 में दक्षिण पश्चिम दिल्ली के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट हेमंत कुमार ने मुआवजे की रकम बढ़ाकर 353 करोड़ कर दी. यानी तकरीबन 9 गुना की बढ़ोतरी की गई. डीएम हेमंत कुमार ने इसके पीछे तर्क दिया कि इस जमीन को पहले कृषि भूमि बता दिया गया था, लेकिन यह कृषि भूमि नहीं है. यह कम घनत्व वाली रिहायशी भूमि है, इसलिए इसका मूल्यांकन इस हिसाब से किया गया है.
NHAI को जब दाल में कुछ काला लगा तो ऑडिट कराया गया. पता चला कि पहले नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को 1 किलोमीटर सड़क बनाने में लागत करीब 18 करोड़ रुपये की मंज़ूरी मिली, लेकिन बाद में एक किलोमीटर सड़क बनाने पर लागत 251 करोड़ रुपए आने लगी.
कंपनियों का मकड़जाल और मुख्य सचिव का बेटा
- यह मुआवजा दो व्यवसाईयों सुभाष कथुरिया और विनोद कथुरिया को जाना था, क्योंकि जमीन उनके नाम पर थी.
- सुभाष कथुरिया के दामाद अमन सरीन उसी कंपनी के मालिक हैं, जिसमें मुख्य सचिव का बेटा करण चौहान काम करता है.
- करन चौहान अमित सरीन की कंपनी अनंतराज लिमिटेड में 2019 से काम करता है.
- आरोप है कि मुख्य सचिव के बेटे करण चौहान, जिन 3 कंपनियों में डायरेक्टर के पद पर हैं, वे तीनों कंपनियां किसी न किसी रूप से अनंत राज लिमिटेड यानी सुभाष कथुरिया की कंपनी से जुड़ी हुई हैं या मुआवज़े के लाभार्थी से संबंध है.
- पिछले 3 DM ने मुआवज़ा बढ़ाने से किया इंकार, अचानक से नए DM हेमंत कुमार ने 9 गुना बढ़ा दिया मुआवज़ा
19 एकड़ की जिस ज़मीन के हिस्से को लेकर ये पूरा विवाद है, उसका मुआवज़ा बढ़ाए जाने के संबंध में पिछले तीन जिलाधिकारियों ने इनकार किया, लेकिन नरेश कुमार के मुख्य सचिव बनने के 40 दिन बाद हेमंत कुमार साउथ वेस्ट ज़िले का DM बनते हैं, जिन्होंने मुआवज़े को बढ़ाने को कहा.
क्या है टाइमलाइन
- साल 2017 में NHAI ने बमनौली गांव में ज़मीन अधिग्रहण शुरु किया
- साल 2018 में ADM, साउथ वेस्ट ने ज़मीन मालिकों को 41.50 करोड़ मुआवज़ा दिया
- ज़मीन अधिग्रहण के लिए केंद्र सरकार द्वारा मध्यस्थता के लिए की गई नियुक्ति पर निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े करते हुए भूस्वामियों ने हाईकोर्ट का रुख़ किया. मुआवज़ा बढ़ाने की मांग की. हाईकोर्ट ने उनकी मांग को ख़ारिज करते हुए DM को मध्यस्थता कराने के लिए नियुक्त किया.
- साल 2019 में DM साउथ वेस्ट ने मुआवज़े पर मध्यस्थता शुरू की.
- फ़रवरी 2019 से लेकर जून 2022 के बीच DM साउथ वेस्ट को तीन DM मिले, राहुल सिंह, नवीन अग्रवाल, विक्रम मलिक और उन तीनों ने मुआवज़े में बदलाव से मना कर दिया.
- 21 अप्रैल 2022 को नरेश कुमार ने बतौर मुख्य सचिव पदभार संभाला.
- नरेश कुमार की नियुक्ति के ठीक 40 दिन के बाद हेमंत कुमार को DM साउथ वेस्ट बनाया गया है, जिन्होंने मुआवज़े को लेकर पहले से चल रही है मध्यस्थता को आगे बढ़ाया.
- इसके बाद 15 मई 2023 को हेमंत कुमार ने मुआवज़े को 9 गुना बढ़ा दिया. अब मुआवज़ा 41.50 करोड़ से बढ़कर 353.7 करोड़ हो गया गया.
- हालांकि जांच के बाद 31 अक्टूबर 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट ने बढ़ी हुई रकम का प्रस्ताव रद्द कर दिया.
फ़िलहाल सस्पेंड चल रहे हैं IAS हेमंत कुमार
दिल्ली सरकार के विजिलेंस विभाग ने 2013 बैच के आइएएस हेमंत कुमार के बड़े भ्रष्टाचार को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी. जांच में हेमंत कुमार के वरिष्ठ अधिकारी डिविजनल कमिश्नर भी शामिल थे. रिपोर्ट में विजिलेंस विभाग ने लिखा है कि अगर हेमंत कुमार के मुआवज़ा बढ़ाने के फ़ैसले पर अमल किया जाता तो सरकार पर 312 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ता. रिपोर्ट में हेमंत कुमार के फ़ैसले को बड़ा ब्लंडर बताया गया है.
इसके बाद विजिलेंस विभाग ने यह रिपोर्ट उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भेजी. 19 अक्टूबर को विनय कुमार सक्सेना ने CBI जांच की सिफ़ारिश करते हुए यह फ़ाइल गृह मंत्रालय को भेजी थी. 20 अक्टूबर को गृह मंत्रालय ने हेमंत कुमार का ट्रांसफर अंडमान और निकोबार होने से रोक दिया और उनके ख़िलाफ़ CBI जांच की मंज़ूरी भी दे दी. गृह मंत्रालय ने CBI जांच की सिफ़ारिश करते हुए कहा है कि उनके ख़िलाफ़ गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप में ऐसे में उनका ट्रांसफर रोका जा रहा है और वे जांच में शामिल होने के लिए दिल्ली में ही रहेंगे. फ़िलहाल हेमंत कुमार सस्पेंड चल रहे हैं और उन्हें बिना इजाज़त दिल्ली से बाहर नहीं जा सकते.
हमने मुख्य सचिव नरेश कुमार से उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन फ़िलहाल अभी हमें कोई जवाब नहीं मिला है. आम आदमी पार्टी ने इसे हैरान करने वाला ख़ुलासा बताया है. आम आदमी पार्टी को बैठे बिठाए नरेश कुमार को घेरने का मौक़ा मिल गया है. आम आदमी पार्टी और उसके कई नेता ट्विटर हैंडल से इस ख़ुलासे को हैरान करने वाला बता रहे हैं.