प्रकाश मेहरा
नई दिल्ली: आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ईडी के नोटिस को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जो सवाल उठाए हैं, उनका जवाब भाजपा के लोग क्यों दे रहे हैं। जवाब ईडी को देना चाहिए था, लेकिन भाजपा प्रवक्ता सामने आए हैं। वह भी तब जब भाजपा कहती है कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं।
पार्टी कार्यालय में पत्रकारवार्ता में गोपाल राय ने कहा कि भाजपा ही ईडी-सीबीआई है। यह कार्रवाई भाजपा के इशारे पर हो रही है। भाजपा खुद ईडी से नोटिस लिखवाती है। जब उस पर प्रश्न खड़े होते हैं तो भाजपा खुद ही जवाब देने आ जाती है। यह सारी कवायद सिर्फ विपक्षी नेताओं को जेल भेजने के लिए है। उन्हें चिंता है कि आज उन पार्टियों के बीच गठबंधन हो रहा है जो पहले एक-दूसरे पर सवाल उठाती थीं ।
उन्होंने कहा कि भाजपा तय करना चाहती है कि कौन कहां आएगा, कौन सी पार्टी किसके साथ गठबंधन करेगी। इससे साफ है कि भाजपा ने सोची समझी रणनीति के तहत सीएम को गिरफ्तार करने का षड्यंत्र रचा है।
समन को अदालत में चुनौती दे सकते हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में बयान देने के लिए गुरुवार को ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए। केजरीवाल के इनकार करने के बाद ईडी के पास अब सीमित विकल्प है। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी के समन को अदालत में चुनौती दे सकते हैं।
केजरीवाल के पास विकल्प
- अरविंद केजरीवाल समन को चुनौती देने के लिए अदालत जा सकते हैं.
- वे अदालत से इस मामले में अग्रिम जमानत भी मांग सकते हैं.
ईडी के पास विकल्प
- ईडी केजरीवाल को नया समन जारी करेगा। कानून की जानकारी रखने वाले बताते हैं कि एक व्यक्ति ईडी के समन को तीन बार नजरअंदाज कर सकता है
- अगर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दो और मौकों पर ईडी के सामने पेश होने से इनकार करते। तो ईडी उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट की मांग कर सकती है।
- यदि कोई व्यक्ति गैरजामनती वारंट की अवहेलना करता है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है और अदालत के सामने लाया जा सकता है।
शराब घोटाले में अभी कई खुलासे बाकी: भाजपा
कथित शराब घोटाले को लेकर भाजपा नेताओं ने गुरुवार को राजघाट पर धरना दिया। उनका कहना था कि शराब नीति के मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री जेल में हैं और मुख्यमंत्री को नोटिस जारी हुआ है। भाजपा ने मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की।
धरने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा कि हम दो साल से शराब घोटाले का सच जनता के सामने ला रहे हैं। इस मामले में हमने संघर्ष किया और सच्चाई सबके सामने है। जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका रद्द की, उस दिन सामने आए 338 करोड़ रुपये का मामला तो इस पूरे घोटाले का एक अंश है, आगे और खुलासे होंगे। शराब नीति से दिल्ली के राजस्व का नुकसान हुआ है।
‘मुख्यमंत्री भी जांच के घेर में हैं’: नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि हमने शराब घोटाले का विरोध विधानसभा में भी किया। सिसोदिया और संजय सिंह के बाद खुद मुख्यमंत्री जांच के घेरे में हैं। यह भाजपा के संघर्ष के चलते हुआ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आप जिन नेताओं के साथ गठबंधन नहीं करने की बात करती थी और भ्रष्टाचारी बताती थी, उन्हीं के साथ गठबंधन कर रही है। धरने में पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल, सांसद मनोज तिवारी, रमेश विधूड़ी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता आदि शामिल रहे।