नई दिल्ली l यूक्रेन पर रूस का हमला निरंतर जारी है. यूक्रेन संकट को लेकर संयु्क्त राष्ट्र में नियमित चर्चा और वोटिंग हो रही है और युद्ध रोकने के लिए रूस पर दबाव बनाया जा रहा है. रूस के करीबी समझे जाने वाले भारत और चीन ने अब तक रूस पर हुई किसी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया है और न ही रूसी हमले की निंदा की है. इसे लेकर ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री डॉमिनिक राब ने रविवार को भारत और चीन से रूस पर राजनयिक दबाव बढ़ाने में मदद करने का आह्वान किया है.
ब्रिटिश उप प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन एक स्थायी सदस्य है और भारत को भी सदस्यता मिली हुई है इसलिए इन देशों को आगे आने की जरूरत है. राब ने कहा, ‘चीन मेंबर है… उसे भी कदम बढ़ाना होगा… चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है. और भारत को भी आगे आना होगा. हमें राजनयिक दबाव बढ़ाने की जरूरत है.’
बीते शुक्रवार को यूक्रेन पर रूसी हमले के दौरान मावनाधिकारों के उल्लंघन की जांच को लेकर एक वोटिंग हुई थी. इसमें रूस-यूक्रेन युद्ध पर स्वतंत्र जांच आयोग के गठन की बात कही गई. आयोग के गठन को लेकर हुई वोटिंग में भारत ने हिस्सा नहीं लिया.
इससे पहले भी भारत ने चीन और संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस से संबंधित एक प्रस्ताव पर मतदान से खुद को दूर रखा था. प्रस्ताव में यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा की गई थी और तुरंत युद्ध रोकने की बात कही गई थी.
रूस के परमाणु युद्ध वाले बयान पर भी बोले ब्रिटिश उप राष्ट्रपति
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमले के बीच हाल ही में रूसी सेना को अपनी प्रतिरोधी शक्तियों को स्पेशल अलर्ट पर रखने को कहा था. इसमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं. इसके बाद रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी कहा था कि अगर तीसरा विश्वयुद्ध होता है तो उसमें परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होगा और वो अधिक विनाशकारी होगा. रूस की तरफ से आ रहे इन बयानों पर ब्रिटेन के उप-प्रधानमंत्री ने कहा है कि ये केवल रूस की बयानबाजी है.
रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 12वां दिन
यूक्रेन पर रूसी हमले का आज 12वां दिन है. यूक्रेन के कई बड़े शहर हमले में तबाह हो रहे हैं और सैनिकों के साथ-साथ आम लोगों की भी मौत हो रही है. यूक्रेनी संसद के मानवाधिकार कमिश्नर Lyudmila Denisova ने कहा है कि युद्ध में अब तक 38 बच्चों की मौत हो चुकी है और 71 बच्चे जख्मी हैं.
बताया जा रहा है कि इस युद्ध में रूस को भी काफी नुकसान हुआ है और अब तक रूस के 11 हजार सैनिक मारे जा चुके हैं. यूक्रेन के लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं जिससे यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अब तक का सबसे बड़ा शरणार्थी संकट उत्पन्न हो गया है. यूक्रेन से भागकर लोग पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और अन्य देशों में शरण ले रहे हैं. अब तक लगभग 15 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर दूसरे देशों में शरण लेने को मजबूर हुए हैं.