नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुर इलाके में अवैध कब्जे और अतिक्रमण को हटाने के अभियान पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. हनुमान जयंती के अवसर पर हिंसा के बाद सुर्खियों में आए जहांगीरपुरी के इलाके में आज यानी बुधवार को एमसीडी ने सड़क पर हुए अवैध निर्माण और अतिक्रमण को हटाने के लिए बुलडोजर चलवाया. अभी बुलडोजर के एक्शन का एक-डेढ़ घंटा हुआ ही था कि मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और कोर्ट ने अभियान पर रोक लगता हुए यतास्थिति बनाए रखने का आदेश दे दिया. अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान इलाके को पूरी तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया था और चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा था. ड्रोन से भी निगरानी रखी जा रही थी. तो चलिए जानते हैं जहांगीरपुरी में आज सुबह से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ.
1. जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई और तुरंत इस पर रोक लगाने की मांग की गई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में प्रशासन के अतिक्रमण रोधी अभियान पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने दंगे के आरोपियों के खिलाफ कथित तौर पर लक्षित नगर निकायों की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली.
2. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने मौजूदा हालात में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए. उसने कहा कि याचिका को उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा. वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने एनडीएमसी और पीडब्ल्यूडी सहित अन्य नगर निकायों के विशेष अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ दायर एक याचिका का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि ‘निर्माण ढहाने के लिए पूरी तरह से अनधिकृत और असंवैधानिक’ आदेश दिया गया है. दवे ने आरोप लगाया कि निर्माण ढहाने की कार्रवाई बुधवार दोपहर दो बजे शुरू होनी थी, लेकिन यह सुबह नौ बजे से ही प्रारंभ कर दी गई और कथित उल्लंघनकर्ताओं को इस बाबत कोई अनिवार्य नोटिस नहीं दिया गया है.
3. दरअसल, दिल्ली नगर निगम ने इस रूटीन कार्रवाई बताते हुए आज सुबह अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत की. करीब 6-7 बुलडोजरों के जरिए एमसीडी ने सड़क पर अवैध कब्जे और निर्माण को हटाया. एमसीडी का यह एक्शन करीब डेढ़ घंटे चला ही था कि सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दे दिया. हालांकि, आदेश के बाद भी बुलडोजर का एक्शन जारी रहा, क्योंकि नॉर्थ एमसीडी के मेयर ने कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी का इंतजार है.
4. जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने के मद्देनजर जहांगीरपुरी इलाके को पूरी तरह से छावनी में बदल दिया गया था. दिल्ली पुलिस के तमाम जवान और पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात कर दिया गया था. सुबह से ही सुरक्षाबलों के जवान इलाके में फ्लैग मार्च करते दिखे. इतना ही नहीं, घरों की छतों पर भी जवानों को तैनात किया गया था. साथ ही पूरे इलाके पर ड्रोन से नजर रखी जा रही थी.
5. एमसीडी की यह कार्रवाई दो दिन चलने वाली थी. 20 अप्रैल और 21 अप्रैल को जहांगीरपुरी इलाके में एमसीडी के बुलडोजर के गरजने का प्लान था. मगर अब क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया है, इसलिए एमसीडी के अगले प्लान को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता. बता दें कि जहांगीपुरी में बीते शनिवार को हुनमान जयंती के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़कें हुई थीं. इस दौरान आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हो गया था.
6. सुप्रीम कोर्ट के रोक के आदेश के बाद भी नगर निगम की ओर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रही. इस मसले को एक बार फिर से सीनियर एडवोकेट दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा. इस पर सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से उत्तरी दिल्ली के मेयर, उत्तरी डीएमसी आयुक्त और दिल्ली पुलिस आयुक्त को यथास्थिति के बारे में सूचित करने को कहा.
7. सुप्रीम कोर्ट में दूसरी बार दखल देने के बाद बुलडोजरों पर रोक लगी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था, मगर आदेश की कॉपी न मिलने तक बुलडोजर चलता रहा. इसके बाद फिर से सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में मामला लाया गया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत के महासचिव को निर्देश दिया कि वह नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के मेयर और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी में विध्वंस रोकने के उसके आदेश से तत्काल अवगत कराएं.