नई दिल्ली l अस्पतालों में कोरोना की वैक्सीन लगवाना अब सस्ता होगा। वैक्सीन निर्माताओं ने कोविशील्ड और कोवैक्सीन के दाम घटाने का फैसला किया है। सरकार से सलाह-मशविरा के बाद कंपनियों ने यह कदम उठाया है। प्राइवेट अस्पतालों को अब कोविशील्ड की एक डोज (New Price of Covishield) 600 रुपये के बजाय 225 रुपये में मिलेगी। वहीं, कोवैक्सीन (New Price of Covaxin) का दाम 1200 रुपये की जगह 225 रुपये होगा।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला ने कोविशील्ड के दाम के बारे में शनिवार को ऐलान किया। उन्होंने बताया कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने निजी अस्पतालों के लिए कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत 600 रुपये से घटाकर 225 रुपये करने का फैसला किया है।
पूनावाला ने ट्वीट करते हुए लिखा- ‘हमें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि केंद्र सरकार के साथ चर्चा के बाद SII ने निजी अस्पतालों के लिए COVISHIELD वैक्सीन की कीमत 600 रुपये से घटाकर 225 रुपये प्रति डोज करने का निर्णय लिया है। हम सभी केंद्र के इस फैसले की एक बार फिर सराहना करते हैं। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब 18+ को प्रिकॉशनरी डोज लगने जा रही हैं।’
इसी के साथ भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने भी कहा कि कंपनी ने निजी अस्पतालों के लिए कोवैक्सीन की कीमत 1200 रुपये से घटाकर 225 रुपये करने का फैसला किया है।
उधर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि निजी कोविड टीकाकरण केंद्र प्रिकॉशनरी डोज (बूस्टर डोज) के लिए सेवा शुल्क के रूप में केवल 150 रुपये तक ही चार्ज कर सकते हैं।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण की अध्यक्षता में एहतियाती खुराक को लेकर शनिवार सुबह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य सचिवों की एक ओरिएंटेशन बैठक हुई जो रविवार से 18 साल से ऊपर के सभी वयस्कों के लिए उपलब्ध होगी। स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के नागरिक, सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त सहित किसी भी केंद्र पर एहतियाती खुराक प्राप्त करना जारी रखेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि एहतियाती खुराक उसी टीके की होगी, जो पहली और दूसरी खुराक के रूप में दी गई थी। भूषण ने कहा कि एहतियाती खुराक के लिए किसी नए पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि सभी लाभार्थी पहले से ही कोविन पोर्टल पर पंजीकृत हैं। बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि सभी टीकाकरणों को पोर्टल में पंजीकृत किया जाना चाहिए, जबकि निजी टीकाकरण केंद्रों पर ऑनलाइन अपॉइंटमेंट और वॉक-इन पंजीकरण के विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे।
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी सलाह दी गई है कि वे 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को कोविड टीके की पहली और दूसरी खुराक को देने में तेजी लाएं और सरकारी टीकाकरण के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के वर्कर्स और 60 साल से ऊपर के नागरिकों के लिए एहतियाती खुराक दी जाए।