प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: कुख्यात गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई, जो लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और गैंग का प्रमुख सदस्य माना जाता है, हाल ही में अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाया गया। 19 नवंबर 2024 को दिल्ली में गिरफ्तार होने के बाद, पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, और अब वह तिहाड़ जेल की हाई-सिक्योरिटी सेल में बंद है।
यह कदम गृह मंत्रालय (MHA) के सख्त आदेश के तहत उठाया गया है, जो अनमोल को एक साल के लिए ‘लॉक’ कर देता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह लॉरेंस गैंग की कोई नई रणनीति का हिस्सा है, या फिर सरकार के लिए एक बड़ा सुरक्षा खतरा ?
अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी… कौन हैं अनमोल बिश्नोई ?
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के ‘छोटे डॉन’ के नाम से मशहूर अनमोल को हत्या, जबरन वसूली, आतंकी गतिविधियों और हथियारों की तस्करी जैसे कई मामलों में आरोपी बनाया गया है। वह अपने भाई लॉरेंस की तरह राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और महाराष्ट्र में गैंगवारों का मास्टरमाइंड रहा है। अनमोल पर सलमान खान को धमकी देने और बब्बर खालसा जैसे संगठनों से जुड़ाव के आरोप भी हैं। अमेरिका में छिपे होने के बाद, नवंबर 2024 में प्रत्यर्पित होकर भारत पहुंचे। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे गिरफ्तार किया। कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई, और सीधे तिहाड़ भेज दिया गया।
गृह मंत्रालय का सख्त फैसला
एक साल की पाबंदी 12 दिसंबर 2025 को MHA ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 303 के तहत आदेश जारी किया। इसका मतलब: अगले एक साल तक मुंबई, पंजाब या किसी भी राज्य की पुलिस अनमोल की फिजिकल कस्टडी (रिमांड) नहीं ले सकेगी। सभी पूछताछ तिहाड़ जेल के अंदर ही होगी – वीडियो या इन-पर्सन, लेकिन बाहर नहीं।
क्यों यह फैसला ?
सुरक्षा कारणों से। तिहाड़ को एशिया की सबसे सुरक्षित जेल माना जाता है, जहां हाई अलर्ट पर CCTV, सोलिटरी कंफाइनमेंट और 24/7 निगरानी है। अनमोल के बाहर ले जाने से भागने या गैंग के हमले का खतरा बढ़ सकता था। यह वही प्रतिबंध है जो लॉरेंस बिश्नोई पर पहले लगाया गया था।
जेल में पहले से ही रोहित गोदारा (गोगी गैंग) जैसे दुश्मन गैंग के सदस्य हैं। अनमोल की एंट्री से गैंगवार भड़कने का डर है, इसलिए जेल प्रशासन हाई अलर्ट पर है। अनमोल ने पाकिस्तान के गैंगस्टर शहजाद भट्टी से जान का लेन-देन भी किया था, जो जेल के अंदर संचार को और जोखिमपूर्ण बनाता है।
लॉरेंस गैंग की ‘नई पटकथा’ या सुरक्षा खतरा?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि “अनमोल की गिरफ्तारी से गैंग कमजोर नहीं पड़ेगा, बल्कि यह उनकी ‘नई पटकथा’ हो सकती है। लॉरेंस जेल से ही ऑपरेट करता रहा है, और अनमोल तिहाड़ में पहुंचकर नेटवर्क को मजबूत कर सकता है – मोबाइल स्मगलिंग या वकीलों के जरिए। गैंग के पास अब पंजाब, राजस्थान और मुंबई में सैकड़ों छोटे-मोटे गुर्गे हैं, जो बाहरी हमलों को अंजाम दे सकते हैं।
यह ‘क्राइम सिंडिकेट’ का नया दौर हो सकता है, जहां जेलें कमांड सेंटर बन जाती हैं। सरकार इसे बड़ा खतरा मान रही है। अनमोल पर NIA के केस हैं, जिसमें ISI से कनेक्शन का आरोप है। तिहाड़ में रखना इसलिए जरूरी था ताकि कस्टडी के दौरान कोई ‘एन्काउंटर’ या भागने की कोशिश न हो। लेकिन जेल के अंदर गैंगवार का रिस्क बढ़ गया है – खासकर गोगी या तिलक राज जैसे दुश्मनों से।
क्या होगा अब आगे ?
अनमोल पर 20+ मुकदमे लंबित हैं, जिनकी सुनवाई तिहाड़ से ही होगी। गृह मंत्रालय का आदेश 12 दिसंबर से प्रभावी, यानी 2026 दिसंबर तक कोई छूट नहीं। जेल में उसकी मूवमेंट सीमित सोलिटरी सेल, कोई विजिटर मीटिंग बिना चेक के नहीं। यह फैसला लॉरेंस गैंग को तोड़ने की कोशिश है, लेकिन अनमोल की मौजूदगी तिहाड़ को नया हॉटस्पॉट बना सकती है। अगर गैंग नई चाल चले, तो दिल्ली-NCR में तनाव बढ़ सकता है।







